दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह महाविद्यालय की रचनात्मक लेखन समिति, स्पिल्ड इंक एवं द सॉल टॉक साहित्यिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में साहित्य संगम, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया। इसमें कवि सम्मेलन जगत के प्रख्यात कवि व कवयित्री की उपस्थिति रही, कवि आशीष द्विवेदी जी, कवि प्रदीप त्रिपाठी, कवि दिलीप चौरसिया, कवि वाशु पांडेय, कवयित्री मुस्कान तिवारी एवं कवि नीलमणि झा ने महफ़िल में शिरकत की।
दयाल सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार पालीवाल, व्योम, कला एवं संस्कृति समिति की समन्वयक डॉ. अल्का शर्मा, स्पिल्ड इंक समिति की संयोजिका डॉ. मौमिता सरकार, डॉ. नीता त्रिपाठी, डॉ. यामिनी आदि प्रध्यापकों एवं सभी उपस्थित कवियों ने दीप प्रज्वलित कर आयोजन की शुभ शुरुआत की। उसके पश्चात प्राचार्य महोदय ने सभी कवियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया और सभा को संबोधित करते हुए द सॉल टॉक साहित्यिक संस्थान का सहृदय स्वागत किया और स्पिल्ड इंक द्वारा साहित्य के श्रेत्र में किये जा रहे इन प्रयासों की प्रसंशा की।
तत्पश्चात कवि आशीष द्विवेदी को मंच संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई और श्रोताओं ने कवि सम्मेलन को एक अनोखे रंग में दिया। कवियों ने अपने शेरों, कविताओं एवं गीतों के द्वारा श्रोतागणों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेकों महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने श्रोताओं के रूप में कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इस को सफल बनाया। पूरा महाविद्यालय परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज रहा था।
नीलमणि झा और मुस्कान तिवारी की कविताएँ हो या वाशु पांडेय के समाज से जुड़े संजीदा शेर हो, या दिलीप चौरसिया द्वारा शानदार प्रस्तुति हो, सभी ने सम्मान और अदब के साथ सुना और ख़ूब वाह-वाह किया। कड़ी के अंतिम कवि के रूप में कवि प्रदीप त्रिपाठी ने तरन्नुम में ग़ज़ल पढ़कर मुशायरे को एक उच्चतम स्तर पर लाकर समाप्त किया। अंत में स्पिल्ड इंक समिति के अध्यक्ष, अद्वैत आनंद ने श्रोताओं एवं द सॉल टॉक साहित्यिक संस्थान के सभी कवियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने कवियों से गले मिलते हुए तस्वीरें ली और मुहब्बत व स्नेह के साथ अभिनंदन एवं आभार व्यक्त किया।