सरकार की ओर से नीमकाथाना को जिला बनाने और उसमें खेतड़ी तहसील को शामिल करने की संभावनाओं और आशंका के चलते लोगों में विरोध भी शुरू हो गया है। हालाकि सरकार की ओर से अभी तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।
चारावास में रविवार को बैठक कर खेतड़ी की सात पंचायतों के लोगों ने इन गांवों में नीमकाथाना जिले में शामिल करने का विरोध किया है। इस दौरान उपस्थित लोगों ने झुंझुनू जिले से अलग नहीं होने की बात भी कही।
ग्रामीणों की ओर से की गई सभा में बताया गया की खेतड़ी तहसील की बङाऊ, लोयल, चारावास, नंगली सलेदीसिंह, जसरापुर, मानौता जाटान के झुंझुनू से इन गांवों की दूरी 30 किलोमीटर ही पड़ती है, जबकि नीमकाथाना की दूरी यहां से 60 से 70 किलोमीटर तक हो जाएगी। नीमकाथाना आने जाने के लिए साधन उपलब्ध नहीं होने से परेशानी उठानी पड़ेगी।
बैठक के दौरान 25 लोगों की एक समिति बनाई गई है। इन पंचायतों को नीमकाथाना मे शामिल नहीं करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में लोगों के साथ बैठक कर चर्चा की जाएगी। सभा को संबोधित करते हुए कैप्टन पाबू दान सिंह ने बताया कि गांव-गांव कमेटी बनाकर आंदोलन के लिए संघर्ष समिति तैयार की जाएगी। वहीं भौगोलिक स्थिति में जो पंचायतें जिला मुख्यालय से नजदीक हैं उन्हें झुंझुनू में ही रखा जाए। इसके लिए ग्राम सभाओं में प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। उन्होंने प्रशासन व सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन सात पंचायतों को यदि झुंझुनू जिले से हटाकर नीमकाथाना में शामिल कर दिया गया तो यहां के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।
बैठक में लोयल सरपंच महेंद्र काजला, कप्तान पाबू दान सिंह, गोकुल चंद, होशियार सिंह, अमर सिंह, ओमप्रकाश, पूरण सिंह, सवाई सिंह, रोहतास, सूबेदार शीशराम, राजेंद्र, सुभाष, हवा सिंह बगड़िया, सुनील, रविंद्र पायल, महेन्द्र भगासरा और बजरंग सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित थे।