दिल्ली : कांग्रेस प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष का केजरीवाल पर हमला कहा- ‘जल भराव के कारण छोटी कॉलोनियों में रहने वाले लोग परेशान…’

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल ने 2021 में दिल्ली ड्रेनेज सिस्टम मास्टर प्लान 2021 को धरातल पर उतारकर नालियों मे जल निकासी के लिए बदलाव लाने के लिए टेक्नीकल एक्पर्ट कमेटी का गठन किया था, परंतु 30-35 साल पुरानी 3740 किलोमीटर लम्बाई की 2846 नालियां व नालों के लिए अलग-अलग प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनी परंतु आज तक कोई काम नही हुआ। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार और एमसीडी की नाकामियों के कारण दिल्ली वासियों को होने वाली तकलीफ़ें कम होने का नाम नही ले रही है।

 

देवेन्द्र यादव ने कहा कि मानसून में जल भराव के कारण परेशान दिल्ली वालों को राहत देने में असफल दिल्ली नगर निगम, डीडीए और दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी और बाढ़ विभाग बहाने बनाना बंद करके दिल्ली को एक स्वस्थ और सुचारु ड्रेनेज सिस्टम देने के लिए काम करें। उन्होंने बताया कि पूर्व निगम पार्षद कांग्रेस नेता राजेन्द्र सिंह तंवर छत्तरपुर विधानसभा के असोला फतेहपुर बेरी की बाल्मीकि बस्ती, हरिजन बस्ती के लगभग एक हजार से अधिक घरों में 5 फुट पानी भरने के बाद जो तालाब में तब्दील हो गया है वहां घुटने भर पानी में घुसकर लोगों को राहत दी, उनके लिए खाने पीने व आदि जरुरत की चीजें मुहैया कराकर जमीनी स्तर पर काम किया है। श्री राजेन्द्र तंवर के साथ देविन्दर सिंह प्रधान, सुभाष तंवर, मोहित, उमेश तंवर सहित कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जल भराव से पीड़ित लोगों के लिए काम कर रहे हे।

 

आगे देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली की अधिकतर जेजे कॉलोनियों, अनाधिकृत कॉलोनियों, पुर्नवास कॉलोनियों, मलीन बस्तियों, हरिजन बस्ती और बाल्मीकि बस्ती जहां अधिकतर गरीब, निम्न, मध्यम वर्ग व गरीबी रेखा से भी नीचे तक के लोग रहते है वहां सरकार यहां पीने के पानी सहित जनसुविधाएं मुहैया कराने में फेल रही है वहीं अब मानसून की बारिश से कॉलोनी तलाब में तबदील होने के कारण बच्चे स्कूल और लोग अपने रोजगार पर जाने में असमर्थ दिखाई दे रहे है।

 

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और नगर निगम के जल निकासी के सारे दावे धराशायी हो गये हैं, आखि़र कब तक दिल्ली की जनता झूठे वादे के भरोसे रहेगी। दिल्ली के जल भराव की समस्या के समधान के लिए दिल्ली सरकार एक बार दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम दिसम्बर तक तैयार करने का दावा कर रही है और दिल्ली के तीनों जल निकासी के नाले नजफगढ़ बेसिन, बारापुला बेसिन और यमुनापार बेसिन को लेकर 31 दिसम्बर तक डीपीआर तैयार करने का दावा एक बार फिर खोखला साबित होगा।

 

नजफढ़ नाला 63.06 प्रतिशत ड्रेनेज एरिया कवर करता है जिसमें 123 छोटे नाले गिरते है, बारापुला नाला 24.28 तथा यमुनापार नाला 12.66 ड्रेनेज एरिया को कवर करता है। बारापुला में 44 और यमुनापार नाले में 34 छोटे नाले गिरते है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पिछले 10 वर्षों से लगातार ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने का दावा कर रही है परंतु हर साल वही हाल बना हुआ है जिसमें लोगों को जल भराव, पानी में करंट उतरने के कारण करंट से लोग मर रहे है परंतु सरकार की नीति में कोई बदलाव दिखाई नहीं देता।

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