हरियाणा के अंबाला में भाजपा कार्यालय में आयोजित काला दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल ने कांग्रेस पर भड़ास निकालते हुए कहा कि संविधान की जितनी बार हत्या इस कांग्रेस ने की, जितनी बार संविधान को कांग्रेस ने तोडा मरोड़ा इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। 25 जून 1975 से 1977 तक के काले दौर को कोई भूल नहीं सकता। यह दौर था जिसमें मीडिया, देश की बात करने वाला व्यक्ति, राष्ट्रहित की बात करने वालों को जेल में डाल दिया जाता था और उनकी आवाज को दबा दिया जाता था।
कांग्रेस ने की संविधान की हत्या
परिवहन राज्य मंत्री ने कहा कि संविधान की बात करने वाली कांग्रेस ने न जाने कितनी बार हत्या की है। कल भी कांग्रेस के सांसदों ने संविधान की कॉपी लेकर शपथ ग्रहण की। कांग्रेस ने पूरे चुनाव के दौरान सिर्फ एक बात पकड़ कर रखी कि भाजपा संविधान बदलने के लिए 400 पार सीट मांग रही है। कांग्रेस ने प्रचार के दौरान भ्रम फैलाया, जबकि संविधान की हत्या सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने ही की। 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव को असंवैधानिक घोषित कर दिया।
24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट ने भी इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित किया। इसके बाद तानाशाही का दौर ऐसा शुरू हुआ कि इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति द्वारा जबरदस्ती 25 जून से इमरजेंसी लगवा दी। कांग्रेस सरकार ने इतनी यातनाएं दी कि जो सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाता था उसको अंदर डाल देते थे।