लोक शिक्षण संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में परिवर्तन का दायित्व संभाग व जिले के शिक्षा अधिकारियों पर है उच्च प्राथमिकता के कार्यों का त्वरित क्रियान्वयन हेतु हमें प्रशासनिक रूप से दक्ष एवं योजनाओं का ज्ञान बहुत आवश्यक है और इसीलिए प्रशिक्षण आवश्यक है। छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी निमोरा में प्रदेश के पांच संभाग के संयुक्त संचालकों सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व सहायक संचालकों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के प्रारंभिक सत्र को संबोधित कर रही थी। संभाग और जिलों के अधिकारी प्रशिक्षण पूर्व प्रीटेस्ट व प्रशिक्षण के बाद पोस्ट टेस्ट देंगे।
मिश्रा ने कहा कि विभाग द्वारा जारी किए गए योजना व नियम निर्देश को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी जिलों की होती है जब हम प्रशासनिक रूप से दक्ष होंगे तभी हम इसे बेहतर कर पाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, निष्ठा पोर्टल, दीक्षा पोर्टल, प्रबंध पोर्टल, आरटीआई, पीएम पोषण योजना इत्यादि पोर्टल को भी अपडेट किए जाने की आवश्यकता है जिसके लिए दक्ष होना जरूरी है।
मिश्रा ने कहा कि हमें अनुशासन का पालन करते हुए सुनने की आदत डालनी होगी और प्रशिक्षण को जीवंत बनाए रखना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वयं का आकलन करने वाला व्यक्ति कभी हार नहीं मानता। उद्घाटन सत्र में प्रशासन अकादमी के डायरेक्टर श्री टी. सी. महावर ने कहा कि विभाग के आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों से अनुशासन में रहकर नियमों का पालन किए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने अकादमी के पुस्तकालय का उपयोग भी किए जाने का सुझाव दिया। अतिरिक्त संचालक डॉक्टर योगेश शिवहरे ने इस अवसर पर कहा कि अच्छा प्रशासक वही होता है जो नियम कानून को जाने वह किसी के हाथों की कठपुतली ना बने। हमें ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे रिटायरमेंट के बाद भी कोई समस्या खड़ी ना हो। योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए यह प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त विषयों पर भी शाम के सत्र में प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।
प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में उपसंचालक आशुतोष चावरे, अशोक नारायण बंजारा, प्रशांत पांडेय, अकादमी के कोर्स डायरेक्टर अभिषेक दुबे, डॉक्टर प्रदीप शुक्ला और नोडल प्रभारी डी. दर्शन उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में संजीव श्रीवास्तव बस्तर, आरपी आदित्य बिलासपुर, राकेश पांडे रायपुर, संजय गुप्ता सरगुजा व आर. एल. ठाकुर दुर्ग के संयुक्त संचालक सहित 33 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी और 12 जिलों के सहायक संचालक उपस्थित थे।