उत्तर प्रदेश : झांसी में जीवनदायनी बेतवा नदी का खतरे में है जीवन, रामनगर पुल के अस्तित्व पर मड़रा रहा खतरा

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले का नाम इन दिनों अवैध तरीके के खनन के लिए चर्चित होता जा रहा है। जिला झांसी में अवैध तरीके के खनन के आए दिन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। ताजा मामला जिला झांसी के तहसील टहरौली अंतर्गत कलोथरा घाट का है। जहां पर एनजीटी की गाइडलाइंस के विपरीत, सरकार द्वारा प्रतिबंधित मशीनों का उपयोग करके जीवनदायनी बेतवा नदी को समाप्ति की ओर ले जाया जा रहा हैं। एक तरफ सरकार द्वारा नदियों के पुनर्जीवीकरण की योजनाए चलाकर उनको पुनर्जीवित किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ खनिज विभाग के ज़िल्लेइलाही एवं सफेदपोश नेता सरकार द्वारा प्रतिबंधित लिफ्टरो का प्रयोग करते हुए बेतवा नदी का सीना चीर कर बेतवा नदी के जीवन को समाप्तिकरण की ओर ले जा रहे हैं।

जिला झांसी के कलोथरा में आर एस माइन एंड मिनिरल्स के नाम से खंड 1में 3500 हैकटेयर का मोरम पट्टा आवंटित किया गया है निर्धारित स्थान से अत्यधिक बालू उठाने के पश्चात अब पट्टा धारक रामनगर पुल के पास से भी अवैध खनन कर रहे हैं। जिससे गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं और रामनगर पुल के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

एक पुल बनाने के लिए सरकार द्वारा कितनी धनराशि का व्यय किया जाता है तथा बनाने में कितना समय लगता है इसको दरकिनार करके खनिज विभाग एवं खनन माफिया निजी स्वार्थ के लिए पल की बलि चढ़ाने से भी गुरेज नहीं कर रहे। बुंदेलखंड की जीवनदायनी बेतवा नदी के सीने पर कलोथरा के स्थान पर दूसरी जगह रामनगर में किया जा रहा है। खनन खनिज विभाग के जिल्लेइलाही के आशीर्वाद से अनेको लिफ्टर चलाये जा रहे है। अगर सरकार द्वारा बेतवा नदी के सीने पर चल रहे लिफ्टरो को शीघ्र नहीं रोका गया तो बेतवा नदी एवं बेतवा नदी के ऊपर बने रामनगर पुल का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

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