यूपी एटीएस में तैनात रेप के आरोपी और यूपी पुलिस के मीडिया प्रभारी एएसपी राहुल श्रीवास्तव को पूर्व डीजीपी की संस्तुति पर शासन की ओर से सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिसके बाद अब लखनऊ पुलिस इस मामले में कभी भी गिरफ्तारी कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने अपने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में FIR दर्ज शिकायत को आधार बनाते हुए बयान दर्ज कराते हुए बताया है कि लखनऊ के चार बड़े होटल में उसके साथ ब्लैकमेल कर रेप किया गया। जिसके सबूत भी पेश किए गए हैं। वहीं पुलिस भी विवेचना के दौरान उन्हें एकत्र कर रही है।
राहुल श्रीवास्तव हुए सस्पेंड
पीड़िता ने मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस अधिकारियों तक आरोपी राहुल श्रीवास्तव के पद और पहुंच का उपयोग कर जांच को प्रभावित करने की शिकायत की थी। लेकिन जब मामला ने तूल पकड़ा तो गुपचुप तरीके से राहुल श्रीवास्तव को सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि मुकदमा दर्ज होते ही उनको पुलिस मुख्यालय आने से रोक दिया गया था। जिसके बाद वह लंबी छुट्टी पर चले गए और खुद की बेहगुनाही साबित करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गोमतीनगर विस्तार थाने में दर्ज हुआ था केस
गौरतलब है कि पीडिता ने 5 जनवरी की रात यूपी पुलिस के सोशल मीडिया प्रभारी एएसपी राहुल श्रीवास्तव पर रेप, गर्भपात और धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के दौरान राहुल श्रीवास्तव ने पढ़ाई की मदद के नाम पर नजदीकी बढ़ाई। उसके बाद नोट्स उपलब्ध कराने के नाम पर होटल बुलाया। जहां नशीला पदार्थ खिलाकर उसके के साथ रेप कर अश्लील वीडियो बनाया गया। फिर ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण करता रहा। वहीं गर्भवती होने पर गर्भपात भी करवाया। जिसमें उसकी पत्नी से लेकर साथियों तक ने साथ दिया।