जोधपुर : पिता को ड्राइवरी करते देख 10वीं क्लास के छात्र ने तय किया कि वह बिजनेस करेगा और दूसरों को नौकरी देगा। महज 7 साल में इसी छात्र ने स्टार्टअप में ऐसा कमाल किया कि करोड़ों की कंपनी खड़ी कर ली, सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स बना लिए और 50 लोगों को जॉब पर रख लिया। बात कर रहे हैं जोधपुर शहर से 40 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव तिंवरी के निवासी पीयूष सोनी की। पीयूष की उम्र 23 साल है। 2015 में गांव से ही 10वीं क्लास पास करने के बाद उसने ज्वेलरी के बिजनेस की ओर कदम बढ़ाए।
पिता प्रेमराज सोनी ड्राइवरी करते थे। मां गृहणी और 3 बहनें। वर्तमान में पत्नी तारा भी सहयोग कर रही है। पीयूष ने किशोर उम्र में ही अपने कंधों पर परिवार का खर्च उठाने की ठान ली थी। कोरोना काल में जहां दुनियाभर में रोजगार और उद्योग धंधे चौपट हो रहे थे, उसी वक्त उन्होंने ज्वेलरी बिजनेस को ऑनलाइन कर तेजी से विकास किया।
पीयूष ने बताया- मैंने तिंवरी गांव से ही प्राइवेट स्कूल से 10वीं 2015 में पास की। मेरे 69 प्रतिशत अंक थे। मैं बिजनेस करना चाहता था। इसलिए रेगुलर पढ़ाई छोड़ दी और प्राइवेट फार्म भर परीक्षाएं देने लगा। 2017 में 12वीं पास करने के बाद तिंवरी गांव के ही ज्वेलर भगवती लाल सोनी के पास काम सीखने गया। सुबह 9 बजे दुकान पहुंचता और देर रात तक सोने-चांदी की ज्वेलरी बनाता। ग्रेजुएशन करने के लिए प्राइवेट फार्म लगा दिए थे।
लगभग डेढ़ साल तक काम काम सीखने के बाद 5 नवंबर 2018 को मैंने तिंवरी गांव में ही खुशबू ज्वेलर्स के नाम से एक छोटी से दुकान खोली। परिवार की आर्थिक दशा ठीक नहीं थी। इसलिए दुकान खोलने के लिए रिश्तेदारों, दोस्तों से पैसे उधार लिए। दुकान खोलने के बाद भी ज्वेलर भगवती लाल सोनी के मार्गदर्शन में सीखता रहा।
ट्रेडिशनल ज्वेलरी का ट्रेंड ही कर दिया चेंज
पीयूष ने बताया- ग्रामीण इलाकों में ट्रेडिशनल ज्वैलरी का प्रचलन रहता है। मेरे गांव में भी यही चलन था। यहां के ज्वेलर्स शादी ब्याह और मांगलिक कार्यों पर निर्भर रहते थे। इसके चलते व्यापार में कई बार मंदी तो कई बार तेजी रहती थी। सावों में ही बिजनेस चलता था।
मैंने ज्वेलरी की बिक्री के तरीके बदले। डेली वियर और एंटीक ज्वेलरी पर काम शुरू किया। गोल्ड के स्थान पर चांदी की आकर्षक ज्वेलरी पर फोकस किया। सिल्वर को उन्होंने नया सोना बना दिया। जो डिजाइन बड़े शहरों में मिलती थी वह गांव में मुहैया कराई। दूसरे ज्वेलर मजाक उड़ाने लगे। कहा कि ट्रेंड चेंज करने से नुकसान होगा। मैंने परवाह नहीं की और काम में लगा रहा।
मैं ग्राहकों को ज्वेलरी का कंप्यूटराइज् बिल देता था। परंपरागत गहनों से हटकर ईयरिंग, पायल, एंटीक नेकलेस, ब्रेसलेट, चांदी की जूतियां, डेली यूज का सामान बेचना शुरू किया। खुद ही ज्वेलरी बनाता और दुकान भी संभालता। कुछ ज्वेलरी शहर से रेडिमेड भी खरीदता था।
जल्द ही मेरी ज्वेलरी पसंद की जाने लगी। ग्राहक जुड़ने लगे। युवाओं का फुटफॉल बढ़ा। साल 2020 में कोविड की वजह से व्यापार थम सा गया। लाॅकडाउन के कारण देशभर में असर पड़ा। मैंने उस दौरान सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया और मेरी ज्वेलरी के वीडियो फोटो अपलोड करने लगा।
जल्द ही मेरी रील्स और वीडियो को पसंद किया जाने लगा। सोशल मीडिया पर 1 लाख से अधिक फाॅलोवर हो गए। उसी दौरान ई-कॉमर्स बिजनेस शुरू करने का विचार आया। मैंने ज्वेलरी को ऑनलाइन बिकने के लिए डाल दिया।
सबसे पहला ऑर्डर 30 जून 2020 को मिला। उदयपुर के एक कस्टमर ने बटरफलाई रिंग मंगवाई। पहला ऑर्डर 15 दिन में डिलीवर हुआ और इसमें मुझे 100 रुपए का नुकसान हुआ। ग्राहक के घर तक डिलीवरी के लिए टोटल कोस्ट जोड़ी तो पता चला कि नुकसान हुआ।
जल्द ही ऑनलाइन बिजनेस का गणित समझ आ गया। मैंने टोटल कोस्ट के साथ कुरियर चार्ज भी जोड़ा। मैंने कई बार कुरियर वालों से बात की।
मैंने मेरे उन दोस्तों को साथ जुड़ने के लिए मनाया जो घर से दूर जोधपुर शहर में जॉब करने जाते थे। कोरोना में कई दोस्त बेकार हो गए थे। कुछ दोस्त साथ जुड़े तो जो ऑर्डर एक महीने में 3-4 आ रहे थे, वे रोजाना 5-10 ऑर्डर हो गए।
2021 में मैंने 9 लोगों की टीम तैयार कर ली थी। वर्तमान में 50 लोगों की टीम है। आगे इस टीम में 50 मेंबर और जोड़ने का प्लान है। मार्च 2022 में मैंने खुद की ई-काॅमर्स वेबसाइट बनाई। अब रोजाना 200 पार्सल तक ऑनलाइन सेल होते हैं। इनमें लगभग 15 पार्सल विदेश जाते हैं। अब तिंवरी गांव में हमारा शानदार आउटलेट है।
50 तरह के सिल्वर, 20 तरह के गोल्ड आईटम
पैडैंट, चैन, मंगल सूत्र, रिंग, ईयरिंग, चूड़ी, बाली, ब्रेसलेट, बिछिया, नोज पिन, कड़ा, सिल्वर जूती, सिल्वर मूर्ति, सिल्वर पर्स, बैग, सिल्वर फ्रेम, तलवार, सिल्वर बर्तन, गोल्ड चैन, आड, कड़ले सहित गोल्ड और अन्य सिल्वर का डेकोरेटिव सामान भी बेचते हैं।
पीयूष ने बताया – 2021 में 35 लाख, 2022 में 90 लाख और 2023 में अब तक 1 करोड़ 96 लाख का टर्नओवर हुआ है। इस साल 2023 के वित्तीय वर्ष में 6 करोड़ का सालाना टर्नओवर का लक्ष्य रखा है।
टीम में बांट रखा है अलग-अलग काम
ऑफलाइन सेल्स टीम- यह लोकल कस्टमर की नीड को समझकर प्रोडक्ट तैयार करवाने और सेल करने का काम करती है। इसमें कुल 10 मेंबर हैं।
सोशल मीडिया टीम- यह टीम इंस्ट्राग्राम, फेसबुक, ट्वीटर, स्नैपचैट, यूट्यूब पर काम करती है। यह खुद का ट्रेंड सेट करने, प्रोडक्ट की रीच और सेलिंग बढ़ाने पर फोकस करती है। इसमें 5 लोग हैं।
ऑनलाइन सेल्स टीम- इस टीम में कुल 12 मेंबर हैं। जो ऑनलाइन प्रोडक्ट सेल करती है। देश और विदेश के कस्टमर से बात करती है। उनको प्रोडक्ट की क्वालिटी और पूरी डिटेल बताती है। उनसे आर्डर लेने और माल के डिलीवर होने तक मदद करती है।
पैकिंग टीम- इस टीम में 10 लोग है जो प्रोडक्ट की बिलिंग से लेकर प्राॅपर डिस्पैच करवाने तक की मदद करती है। इसके अलावा एचआर, फोटोग्राफी, मैनेजमेंट टीम भी है।
अगले 5 सालों में 5 अलग अलग राज्यों में आउटलेट खोलने का लक्ष्य है। चाहता हूं कि जोधपुर की ज्वेलरी की पहचान दुनियाभर में हो। हमने मेड इन स्वदेश सोल्ड इन विदेश की थीम भी रखी है। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण एरिया के युवाओं को रोजगार देना चाहता हूं।