जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस के सर्वे बढ़ा रहे उम्मीदवारों की चिंता:120 सीटों पर बदलाव की जरूरत, 5 मंत्री और 10 दिग्गजों की स्थिति खराब

जयपुर : प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के तीन सर्वे बड़े बदलाव के संकेत दे रहे हैं। तीनों सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 200 सीटों में से 120 पर प्रत्याशी बदलने की जरूरत है। इनमें 45 तो विधायक और 75 हारे हुए प्रत्याशी हैं। सर्वे ने जिन विधायकों के टिकट बदलने की बात कही गई है, उनमें 5 मंत्री और 10 से अधिक दिग्गज नेता भी शामिल हैं।

इनमें दो मंत्रियों की स्थिति दो सर्वे में खराब, लेकिन तीसरे सर्वे में ठीक बताई गई है। ऐसे में उन्हें पार्टी ने मार्जिनल सीट कहा गया है। प्रदेश में ऐसी मार्जिनल सीटों की संख्या 22 से 25 है। कुछ सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही मजबूत बताया गया है। कुछ प्रत्याशी शुरू के दो सर्वे में कमजोर और तीसरे सर्वे में मजबूत बताए गए।

सात दिग्गजों को बहुत मजबूत बताया गया। इनमें सीएम अशोक गहलाेत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा, दिव्या मदेरणा, मदन प्रजापत, सुखराम विश्नोई शामिल हैं।

गहलोत सहित 11 मंत्री मजबूत, कल्ला-जोशी को करनी होगी मेहनत

तीनों सर्वे में जिन मंत्रियों की स्थिति ठीक बताई गई है, उनमें प्रतापसिंह खाचरियावास, शकुंतला रावत, ममता भूपेश, मुरारीलाल मीणा, खिलाड़ीलाल बैरवा, टीकाराम जूली, विश्वेंद्र सिंह, महेंद्रजीत सिंह मालवीया, राजेंद्र यादव, रामलाल जाट, अशोक चांदना और भजनलाल जाटव शामिल हैं। मंत्री शांति धारीवाल या परिवार में से किसी को टिकट दिए जाने पर सर्वे पक्ष में दिखा।

तीन मंत्रियों को पार्टी का निर्देश- प्रयास बढ़ाएं

तीनों सर्वे में दो, एक या तीनों बार खराब स्थिति आने पर पार्टी ने उसे बदलने और मार्जिन की स्थिति पर माना है। वरिष्ठ मंत्री बीडी कल्ला, डॉ. महेश जोशी, अर्जुन बामनिया, बिजेंद्र ओला, लालचंद कटारिया और शाले मोहम्मद शामिल हैं। इनमें बेहतर और खराब के बीच मार्जिन पर महेश जोशी, उदयलाल आंजना और बिजेंद्र ओला सहित अन्य कई को कहा गया था कि वे फील्ड में प्रयास बढ़ाएं। शेष को बताया- जीतना कठिन है।

8 मंत्री, 5 विधायक, 4 हारे प्रत्याशी का टिकट तय

सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पार्टी ने जिन्हें फील्ड में चुनाव की तैयारी के संकेत दिए गए हैं, उनमें ममता भूपेश, प्रताप सिंह, खिलाड़ीलाल बैरवा, विश्वेंद्र सिंह, राजेंद्र यादव, टीकाराम जूली, डॉ. सीपी जोशी, रामलाल जाट जैसे मंत्री हैं तो विधायक रफीक खान, दानिश अबरार, हाकम अली, सुरेश मोदी, अशोक बैरवा और हारे प्रत्याशी रामेश्वर डूडी, रतन देवासी, डॉ. अर्चना शर्मा, धीरज गुर्जर जैसे नेता शामिल हैं।

ये सीटें नाजुक

भीनमाल, मेड़ता, पाली, बाली, सुमेरपुर, फलौदी, झुंझुनूं, चाकसू, बगरू, धोद, झोटवाड़ा, आमेर, किशनपोल, झाडोल, डूंगरपुर, गढ़ी, कपासन, आहोर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, आसपुर, बड़ी सादड़ी, चित्तौड़गढ, डूंगरगढ़, घाटोल, जैतारण, कुंभलगढ़, लाडपुरा, लूणकरणसर, मनोहरथाना, मावली, उदयपुर शहर, रतनगढ़, सागवाड़ा, संगरिया, तिजारा, बहरोड़, थानागाजी, बस्सी, दूदू, शाहपुरा, खंडेला, सिरोही, गंगापुरसिटी।

टिकट का फाॅर्मूला सिर्फ एक- जीतने की क्षमता हो

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने स्पष्ट कहा है कि फॉर्मूला जीतने की क्षमता है। ऐसा है तो हारे या दो-तीन बार हारे को भी टिकट मिलेगा। वहीं, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि एज व हार नहीं, जीत मायने रखती है। पॉलिटिक्स कट ऑफ डेट इसीलिए नहीं होती।

तीन सर्वे.. तीनों अलग तरह से किए गए

  • एआईसीसी की ओर से सवा लाख लोगों के बीच सर्वे कराया गया था। यह अप्रैल से जून तक चला था।
  • प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जुलाई में 200 विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक भेज कार्यकर्ताओं-नेताओं के बीच सर्वे कराया।
  • तीसरा सर्वे सीएम की ओर से अपने स्तर पर कराया गया है। यह करीब तीन माह पहले कराया गया।
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