पेपर लीक : पेपर लीक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग व वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सीकर जिले की कलाम एकेडमी पर 7 अगस्त को ईडी की रेड पड़ी। ये रेड विवादों के घेरे में आ गई है। सवाल उठ रहे हैं, क्या कलाम एकेडमी के मैनेजमेंट को पहले ही पता चल गया था कि ईडी की रेड पड़ने वाली है?
ये सवाल क्यों उठ रहे हैं, ये समझने के लिए पहले वो 2 मैसेज पढ़िए जो रेड से एक रात पहले कलाम एकेडमी के मैनेजमेंट की ओर से स्टूडेंट्स को भेजे गए…
हैरानी की बात यह है कि दोनों मैसेज में महज 6 मिनट का अंतर है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि उन 6 मिनट में ऐसा क्या हुआ कि अचानक अगले दिन की सारी क्लासेज कैंसिल कर दी गई।
रेड की सूचना लीक होने का सवाल भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी उठाया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ईडी को कोई सहयोग नहीं कर रही है। पेपर लीक में मंत्री, मंत्री के स्टाफ और 3-4 विधायक जेल की हवा खाएंगे।
मामला इसलिए भी गर्माया हुआ है क्योंकि कलाम कोचिंग से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का भी नाम जोड़ा जा रहा है। हालांकि डोटासरा का कहना है कि उनका कलाम एकेडमी से कोई लेना-देना नहीं है। जिसने गलत किया है, वह डरे। पूरे प्रदेश में चर्चा है कि डोटासरा के बेटे कहीं न कहीं इस कलाम एकेडमी से जुड़े हुए हैं।
मामले से जुड़ा हर पहलू समझने के लिए भास्कर ने पूरे मामले को इंवेस्टिगेट किया।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
कलाम एकेडमी पर आखिर क्यों पड़ी ईडी की रेड
ईडी से जुड़े सूत्रों के अनुसार रीट, सीनियर टीचर भर्ती सहित परीक्षा पेपर लीक अन्य मामलों में गिरोह के तार जयपुर के अलावा सीकर की कोचिंग एकेडमी से जुड़े होने की सूचना सामने आ रही थी। पेपर लीक गिरोह में शामिल भूपेंद्र सारण और शेर सिंह से पूछताछ में सामने आया कि जयपुर और सीकर के कई कोचिंग संचालक शेर सिंह के संपर्क में थे।
शेर सिंह सीनियर टीचर परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र में आने वाले सवाल कोचिंग सेंटरों में बोल-बोलकर लिखवा रहा था। ईडी को सुराग मिला कि शेर सिंह ने कलाम एकेडमी में भी लीक पेपर भिजवाया था। भूपेंद्र सारण और शेर सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ( SOG) ने जून में उदयपुर की कोर्ट में बाबूलाल कटारा, उसके भांजे विजय और ड्राइवर गोपाल के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी है।
12 अफसरों की टीम ने डाली थी रेड
ईडी की ओर से 7 अगस्त को सीकर में नवलगढ़ रोड पर स्थित कलाम कोचिंग में रेड की गई। ईडी के करीब 12 अफसर 3 गाड़ियों में सवार होकर कोचिंग पर पहुंचे थे। अफसर सीधे कोचिंग के अंदर गए और कागज देखकर पूछताछ की। सुरक्षा के लिहाज से कोचिंग के बाहर सीआरपीएफ के 3 जवान भी तैनात किए गए।
क्या खंगाल रही ईडी
- कलाम कोचिंग में पंजीकृत रीट परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का डेटा
- रीट, सीनियर टीचर के अलावा अन्य परीक्षाओं के परिणाम में अभ्यर्थियों की सक्सेस रेट
- ईडी को मिली शिकायत में कोचिंग में वित्तीय अनियमितता का भी जिक्र है। ऐसे में पैसे के लेन-देन के रिकॉर्ड, जमीन आदि संपत्ति के बारे में भी रिकॉर्ड खंगाल रही है।
- इससे पहले एक कोचिंग संस्थान से जुड़े कई ठिकानों पर भी आयकर विभाग की कार्रवाई हुई थी।
2 साल पहले भी पेपर लीक से विवादों में आई थी एकेडमी
कलाम कोचिंग की सीकर और जयपुर में ब्रांच है। नवलगढ़ रोड पर ही कोचिंग के दो भवन हैं। प्रशासनिक भवन वाले मुख्य परिसर में ईडी ने रेड की है।
कलाम एकेडमी इससे पहले भी रीट 2021 का पेपर लीक होने के बाद भी विवादों में आई थी। सवाल उठे थे कि कलाम एकेडमी की ओर से परीक्षा से पहले मॉडल प्रश्न पत्र जारी किया, उसमें से कई सवाल भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र में आए।
सूत्रों ने बताया कि ईडी इन मॉडल पेपरों के प्रश्नों का भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्रों से मिलान कर रही है। एकेडमी ने सीकर में कोचिंग छात्रों के प्रवेश पर भी रोक लगाई हुई है।
सक्रिय और साइलेंट पार्टनर अलग-अलग
सूत्रों ने बताया कि कलाम एकेडमी में 9 पार्टनर हैं। इसमें 4 सक्रिय और पांच साइलेंट पार्टनर हैं। आरपीएस अधिकारी राजेश सींवर के परिजन, युजवेन्द्र जांगिड़, सुरेन्द्र भाकर व युनूस खान के परिजन शामिल हैं। युनूस खान राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रवक्ता हैं। तीन साझेदार राजेश सींवर के परिजन, युजवेन्द्र जांगिड़, सुरेन्द्र भाकर नागौर जिले से हैं, जबकि युनूस खान सीकर जिले के मूल निवासी हैं। हालांकि रिकॉड्र्स में इनका नाम नहीं है।
कलाम एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड नाम से यह कंपनी 2020 में रजिस्टर्ड की गई थी। इस कंपनी में धन्नराम, शबनम बानो, शारदा जांगिड़, रामस्वरूप और रामावतार निदेशक हैं। ये और इनके परिजन कभी एकेडमी में नहीं आते।
इस कोचिंग से गोविंद सिंह डोटासरा के बेटे का भी नाम जुड़े होने के आरोप लगते रहे हैं।
ईडी की कार्रवाई की वजह से एकेडमी में किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस एकेडमी में 20 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों के प्राध्यापक व स्कूल व्याख्याता शामिल हैं। कलाम एकेडमी से जुड़े ज्यादातर सदस्य सीकर में तैयारी के लिए आए थे। हालांकि इनके कुछ साथी पहले से राजकीय सेवा में चयनित हो गए थे। बाद में कोचिंग संचालन में अहम भागीदारी निभाने वाले सदस्यों का भी राजकीय सेवा में चयन हो गया।
मीडिया ने मामले में आरोप लगा रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा से बात की। पढ़िए उनका क्या है कहना…
मीडिया : आपको क्या लगता है ईडी की सूचना लीक हो रही है?
किरोड़ीलाल: राजस्थान में ईडी की रेड की सूचना पहले भी लीक हुई है। तब ईडी की रडार में जो अधिकारी आया था, उसे अब हटा दिया गया है। राज्य की सरकारी मशीनरी में से कोई न कोई है, जो अब भी रेड की सूचना पहुंचा देता है।
मीडिया : पेपर लीक में कलाम एकेडमी के तार कैसे जुड़े हुए हैं?
किराेड़ीलाल : मैं कहता हूं कि कई मंत्री, कई एमएलए जेल की हवा खाएंगे। मैं ये पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। पेपर लीक से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। अब सब दोषी जेल में जाएंगे।
मीडिया : आप कैसे कह सकते हैं कि पेपर लीक में कलाम एकेडमी शामिल है?
किराेड़ीलाल : मैं तो अपने कागज दे चुका हूं। यदि पेपर लीक गिरोह के सरगनाओं की सीडीआर, मोबाइल लोकेशन आदि निकाल ली जाए तो पता चल जाएगा कि उनका कहां-कहां उठना बैठना रहा। कलाम एकेडमी पर भी आंच आएगी। वैसे जांच एजेंसियों के पास सीडीआर है और सूचना है कि अवैध पैसों से कैसे बेनामी प्रॉपर्टिंयां खरीदी गईं।
मीडिया : SOG पेपरलीक मामले की जांच कर तो रही है…
किराेड़ीलाल : आप सही कह रहे हैं, लेकिन SOG बड़े दोषियों, जिनमें मंत्री-विधायक शामिल हैं, उन्हें बचाने में लगी हुई है। नीचे-नीचे ही कार्रवाई करना चाहती है। SOG ईमानदारी से कार्रवाई करे तो सरकार हिल जाएगी।
डोटासरा बोले-कलाम कोचिंग से मेरा कोई लेना-देना नहीं
ईडी की कार्रवाई पीछे 3-4 महीने से चल रही हैं, वे सीकर भी जा सकते हैं। जो एजेंसियां काम कर रही हैं, वे स्वतंत्र और पारदर्शिता से काम करें। अगर कोई दिक्कत या गड़बड़ी पाई जाएगी तो वे अपनी कार्रवाई करेंगे। ईडी मेरे वहां नहीं गई है, न ही ईडी ने मुझे फोन किया। डोटासरा न कभी थकता है और न ही डरता और घबराता है।
–ईडी की कार्रवाई के बाद पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा ने ये बयान डूंगरपुर में मीडिया से रूबरू होते हुए दिया था।
किरोड़ी लाल खुद पर ही सवाल उठा रहे
‘हम इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते। हमारा तो इतना ही कहना है कि हम तो पहले भी साफ थे, हम आज भी साफ हैं और आगे भी साफ ही रहेंगे। जो लोग ईडी से सूचना लीक के आरोप लगा रहे हैं, उल्टा केंद्र सरकार पर ही सवाल उठा रहे हैं। किरोड़ी लाल बीजेपी से हैं और वह अपने आप पर ही सवाल उठा रहे हैं। हम क्या बोलें, किसी भी बात की हद होती है।’
– यूनुस खान, संचालक, कलाम एकेडमी
इस तरह सामने आया था पेपर लीक का नेटवर्क
- सीनियर टीचर का पेपर लीक करने के लिए शेर सिंह कई महीनों तक आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा के संपर्क में रहा। शेर सिंह ने कटारा और भूपेंद्र सारण के 1 करोड़ के सौदे में बिचौलिए की भूमिका निभाई। सौदे के तहत 19 दिसम्बर को पेपर भूपेंद्र सारण को सौंप दिया गया।
- शेर सिंह ने सौदे के बाद मोटी काली कमाई करने के लालच में टाइप किए हुए पेपर की एक कॉपी अपने पास रख ली। पेरेलल अपने नेटवर्क के जरिए पेपर परीक्षार्थियों तक पहुंचाए।
- अपने दोस्त रामगोपाल-अरुण शर्मा के साथ मिलकर जयपुर-सीकर में आधा दर्जन जगहों पर परीक्षार्थियों को बोल-बोल के पेपर के सवाल लिखाए।
- इस तरह दूसरे रास्ते से 100 से अधिक परीक्षार्थियों तक सवाल पहुंच गए। इन कैंडिडेट्स से 1 करोड़ रुपए से अधिक वसूले गए थे।
पेपर लीक मामले के कारण ईडी रेड एक राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है और ये मुद्दा पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन चुका है, लेकिन इस पूरे मामले में ईडी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।