जयपुर : मिस राजस्थान 2023 का खिताब जयपुर की वैष्णवी शर्मा ने अपने नाम किया है। इस साल 6 रनरअप टाइटल भी दिए गए। सभी सातों गर्ल्स को अलग-अलग क्राउन पहनाया गया, लेकिन इन गर्ल्स का मिस राजस्थान तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। किसी को पैसों की कमी की वजह से अपनी पढ़ाई तक छोड़नी पड़ी तो किसी के परिवार ने साथ नहीं दिया। एक ब्यूटी क्वीन ने तो अपना 24 किलो तक वजन घटा लिया।
इस साल मिस राजस्थान के लिए 5 हजार से अधिक लड़कियों ने ऑडिशन दिए थे। उनमें से पहले टॉप 28 को चुना गया था फिर इनमें से 7 गर्ल्स ने क्राउन तक का सफर पूरा किया।
आगे पढ़िए- मिस राजस्थान में क्राउन अपने नाम करने वाली सातों ब्यूटी क्वीन्स की कहानी…
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पेरेंट्स ने मेरे सपनों को पंख दिए: वैष्णवी शर्मा
मिस राजस्थान की विनर वैष्णवी शर्मा ने बताया- सबकुछ किसी सपने से कम नहीं है। हम यहां तक बहुत मेहनत से पहुंचे हैं। ट्रेनिंग सेशन से लेकर एक्सपट्र्स ने हमें नेशनल लेवल की तरह ही तैयार किया है। जब मैं रैम्प पर होती हूं तो ऐसा लगता है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रही हूं। घरवालों ने हमेशा मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। आज यह सही भी साबित हाे रहा है। फ्रेंडशिप डे के दिन यह ताज मेरे सिर पर था। मेरे दोस्त सबसे ज्यादा खुश थे।
तीन साल से मिस राजस्थान के ऑडिशन दे रही थी: आकांक्षा चौधरी
फर्स्ट रनरअप का टाइटल अपने नाम करने वाली आकांक्षा चौधरी ने बताया- मैं कम्प्यूटर साइंस में बीटेक कर रही हूं। जयपुर से ही हूं। इस पेजेंट में आने का एक ही मोटिव था कि अपने देश और राज्य को प्राउड फील करवा सकूं। तीन साल से मिस राजस्थान में आ रही थी।
सच कहूं तो खुद में बदलाव लाने के लिए बहुत कोशिश की है। कई साल की मेहनत के बाद आज मुझे अपनी एक अलग राह मिली है। जब मैं पेजेंट वाले दिन मंच पर थी और सवालों के जवाब दे रही थी। वॉक कर रही थी, वो सबकुछ मेरे लिए प्राउड मोमेंट की तरह रहा है। इस पेजेंट के सीजन में हर दिन रोई हूं, खुश हुई हूं। दोस्तों से बातें की हैं। यह मेरे लिए बहुत यादगार है। बहुत अच्छी मेमोरी बनी है।
एक बेहतर इंसान बनकर निकली हूं :ओर्जला
सेकेंड रनरअप ओर्जला ने बताया कि यह एक यादगार जर्नी की तरह रही है, इसमें आप एक अलग इंसान की तरह आते हैं और यहां से एक अलग इंसान बनकर निकलते हैं। बाहरी खूबसूरती की नहीं, अंदर की खूबसूरती की बात कर रही हूं। यहां अंदर से खूबसूरत इंसान बनने की ट्रेनिंग दी जाती है।
यहां बताते हैं कि आप अपनी पॉजिटिव एनर्जी को कैसे बरकरार रख सकते हैं। कैसे अपना ओरा बनाकर रखते हैं। यह सब तब सीखते हैं, जब आप अपने आप को पहचानना सीखते हैं। खुद को एक्सेप्ट करते हैं। आपको यह पता होता है कि क्या करना है और क्या नहीं।
किसी के बारे में बुरा नहीं बोलते, सभी के अंदर एक अच्छा इंसान देखते हैं। जब ऐसे इंसान आप बन जाते हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं। यही मेरी कोशिश रही है और मैं खुद को इसी तरह देखती हूं। अब मुझे लग रहा है कि मैं एक बेहतर इंसान बनकर यहां से निकली हूं।
पैसे के अभाव में पढ़ाई भी छूट गई थी : दीक्षा यादव
थर्ड रनरअप दीक्षा यादव ने बताया- टॉप 28 से 5 तक पहुंचना बेहद खास रहा। पहले दिन मैं कोई और लड़की थी। इस पेजेंट में ग्रूमिंग सेशन के बाद एक अलग लड़की के रूप में निकली हूं। यहां तक पहुंचने में बहुत स्ट्रगल रहा है। मेरा परिवार आर्थिक रूप से सही नहीं रहा है।
मैं ग्रामीण परिवेश से आई हूं, जहां मॉडलिंग तो क्या पढ़ाई करना भी ऑप्शन नहीं होता है। स्कूल के समय से ही मैं बहुत पढ़ाई करती थी। पैसे के अभाव में स्टडी भी ड्रॉप हो गई। एक सिचुएशन ऐसी आई कि मैंने खुद को संभाला।
अपना कॅरियर खुद बनाने की ठानी। आज जो भी हूं, अपनी मेहनत के दम पर हूं। मेरे छोटे भाई-बहन हैं, जिन्हें मैं पढ़ा रही हूं। सपोर्ट कर रही हूं। मैं चाहती हूं कि अपने देश का नाम रोशन कर सकूं।
पेरेंट्स ने पैशन को अलग फॉलो करने की सलाह दी :पल्लवी जोशी
फोर्थ रनरअप पल्लवी जोशी ने बताया- मैं राजस्थान में जन्मी और गुडगांव में पली-बढ़ी हूं। परिवार का हमेशा सपोर्ट रहा। परिवार पढ़ाई पर फोकस रखने पर महत्व देता था। पैशन को अलग से फॉलो करने की बात कहते थे। रिलेटिव्स जरूर मेरी मॉडलिंग से खुश नहीं थे। यहां एक महीने में जो ग्रूमिंग सेशन हुए हैं, उससे काफी ट्रांसफॉर्मेँशन देखने को मिला है।
कॉन्फिडेंस बिल्ड करने को लेकर हम पर काम किया गया। रैम्प वॉक पर खूब मेहनत हुई। आंसर देने को लेकर भी हमने एक्सपर्ट से ट्रेनिंग ली है। जितना एक महीने में खुद को बदल पाई, उतना तो इतने सालों में नहीं बदली। आगे बहुत कुछ सीखने को मिला।
घरवालों से लड़कर ही पेजेंट में आई थी: आस्था चौधरी
फिफ्थ रनरअप आस्था चौधरी ने बताया- पेजेंट में आखिरी 10 दिन के सेशन बहुत खास रहे हैं। कुछ इस तरह से सिखाया है कि हम नेशनल लेवल पर ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। फैमिली के नजरिये में अब धीरे-धीरे बदलाव देखने को मिल रहा है।
यहां तक पहुंचने के बाद मीडिया में फोटोज देखने के बाद वहां से एप्रिशिएशन मिलने लगा है। सच कहूं तो मैं लड़कर ही यहां तक पहुंची थी। मुझे परमिशन नहीं मिली थी। मैं गुस्सा होकर यहां आई थी। अब सिर पर क्राउन है तो उस गुस्से पर प्यार आ रहा है। अब इसे देखने के बाद घरवाले भी खुश हैं।
24 किला वजन ब्यूटी पेजेंट के लिए कम किया : सेजल शर्मा
सिक्थ रनरअप सेजल शर्मा ने बताया- मैं जयपुर से हूं। मैंने पिछले साल भी मिस राजस्थान के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। मैंने पूरे साल इसके लिए बहुत मेहनत की। आज परिणाम सभी के सामने है। मैंने खुद पर बहुत मेहनत की है।
मॉडलिंग और फैशन के हर पहलू को नजदीक से समझा है। यहां खड़ा होकर गर्व महसूस हो रहा है। मैंने इसके लिए 24 किला वजन कम किया। खिताब को पाने के लिए मेरी मेहनत पूरी तरह से 100 प्रतिशत रही है। पैरेंट्स को प्राउड फील करवाना मेरा मकसद था और आज वे मेरे रिजल्ट के बाद बहुत खुश हैं।