बाड़मेर : सरकारी स्कूल के टैंक में गिरा बच्चा, मौत:परिवारवालों का आरोप- स्कूल की गलती से मासूम डूबा, हेडमास्टर बोले- मैं खुद उसे बचाने 2 बार पानी में उतरा

बाड़मेर : सरकारी स्कूल के टैंक (टांका) में गिरकर 14 साल के छात्र की मौत हो गई। परिवार वालों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही, प्रधानाचार्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उधर, प्रधानाचार्य ने आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा- बच्चे को बचाने के लिए मैं खुद टैंक में 2 बार उतरा, फिर भी बचाया नहीं जा सका। मामला बाड़मेर के ग्रामीण इलाके का है।

बच्चों ने शोर मचाकर हेडमास्टर को बुलाया
जांच अधिकारी हेड कॉस्टेबल पूनमचन्द ने बताया- दूदाबेरी सोखरू निवासी विक्रम (14) पुत्र लच्छाराम 7वीं क्लास का छात्र था। वह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सोखरू में पढ़ता था। सोमवार सुबह वह स्कूल गया था। सुबह करीब 10.40 बजे स्कूल क्लास रूम के आगे बने पानी के टैंक में अचानक गिर गया। अन्य स्टूडेंट्स ने शोर मचाकर हेडमास्टर डूंगरदान को बुलाया।

पाइप के सहारे टैंक में उतरे
हेडमास्टर पाइप के सहारे 15 फीट गहरे टैंक में उतरे, परंतु बच्चे को निकालने में सफल नहीं हुए। उधर, घटना की जानकारी बच्चे के परिवार वालों को हुई। वह भागते हुए स्कूल पहुंचे। परिवार वालों के साथ गांव के कई लोग बच्चे को बाहर निकालने के प्रयास में जुट गए। लोहे की सरिया की मदद से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाला जा सका। आनन-फानन में बच्चे को प्राइवेट गाड़ी से बाड़मेर के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी मिलने पर ग्रामीण थाना पुलिस के साथ बाड़मेर एसडीएम समुंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे। परिजनों से मामले की जानकारी ली। एसडीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को भेजकर इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बच्चा आखिर टैंक में कैसे गिरा, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है।

विक्रम 7वीं क्लास में पढ़ता था। उसकी मां स्कूल में ही पोषाहार बनाती है।

बच्चों ने घरवालों को घटना की दी जानकारी

विक्रम (मृतक) के चाचा भानाराम ने बताया- सुबह 11.10 बजे स्कूल के कुछ बच्चे हमारे घर आए। उन्होंने बताया कि विक्रम टैंक में गिर गया है। स्कूल से घर की दूरी 250 से 300 मीटर की है। हम वहां पहुंचे तो देखा कि हेडमास्टर उसे टैंक से निकालने का प्रयास कर रहे हैं। पानी गहरा और गंदा होने के कारण विक्रम नजर नहीं आ रहा था। मैंने आगे से मुड़े हुए लोहे के सरिए को पानी के अंदर डाल कर विक्रम की स्थिति जानने की कोशिश की। करीब 10 मिनट बाद मुझे अहसास हुआ कि सरिए के नीचे कुछ है। बड़ी मशक्कत के बाद विक्रम के कपड़ों में सरिए का हुक फंसाया। इसके बाद जब थोड़ा ऊपर खींचा तो विक्रम दिखाई दिया। फिर उसे खींचकर बाहर निकाला।

सोमवार सुबह इसी स्कूल में हादसा हुआ। पानी के टैंक में गिरकर 7वीं क्लास के स्टूडेंट की मौत हो गई।

लंच खत्म होने के बाद हादसा
चाचा भानाराम और ग्रामीणों का कहना है कि हम गांव वालों ने स्कूल में पानी की मोटर मशीन, आरओ, नल भी लगाकर दिए हैं। इसके बावजूद टीचर बच्चों से पानी भरवाते हैं। टीचर की लापरवाही की वजह से विक्रम टैंक में गिर गया। हेडमास्टर डूंगरदान ने कहा- बच्चों से पानी भरवाने की बात सरासर गलत है। हमने यहां पानी के कैंपर रखवाए हुए हैं। 10.30 बजे स्कूल का लंच खत्म हुआ था। सारे बच्चे क्लास में जा रहे थे। नेटवर्क प्रॉब्लम होने के कारण ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के लिए स्कूल परिसर से बाहर गया था। तभी बच्चे दौड़ते हुए मेरे पास आए। बोले- विक्रम टैंक में गिर गया है। मैं भागकर गया और बचाव के लिए पाइप के सहारे दो बार टैंक में उतरा। स्कूल के बच्चों ने पाइप को पकड़कर रखा था। विक्रम पानी में ज्यादा नीचे था। इसलिए 10-15 मिनट लग गए। इतने में गांव वाले आ गए और बच्चे को निकाला।

बाड़मेर स्थित डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में जुटे विक्रम के परिवार वाले। परिवार वालों का आरोप है कि स्कूल के हेडमास्टर की लापरवाही से हादसा हुआ है।
बाड़मेर स्थित डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में जुटे विक्रम के परिवार वाले। परिवार वालों का आरोप है कि स्कूल के हेडमास्टर की लापरवाही से हादसा हुआ है।

लापरवाही हुई तो कार्रवाई होगी

एसडीएम समुंद्र सिंह ने कहा- अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ​​​​​(सीबीईओ) को मौका पर भेजा गया है। परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। किसी स्कूल टीचर या कर्मचारी की किसी भी स्तर पर लापरवाही होगी तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग से जांच करने पदेन पंचायत प्रसार अधिकारी (PEEO) आईदान सिंह गए थे। उनका कहना है कि परिजनों और ग्रामीणों के बयान लिए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विक्रम की मां स्कूल में पोषाहार पकाने के लिए आती है। 10.30 बजे उसकी मां खाना पकाकर कैंपर भरकर वापस खेत में चली गई थी। इसके बाद हादसा हुआ।

80 बच्चे पढ़ते हैं इस स्कूल में

एसडीएम समुंद्र सिंह ने कहा- स्कूल में 80 बच्चे पढ़ते हैं। यहां कुल 4 टीचर हैं। इनमें से 3 टीचर डेपुटेशन पर हैं। परिजनों का एक आरोप ये भी है कि प्रशासन ने डेपुटेशन खत्म करने के आदेश दे दिए। इसके बावजूद टीचर स्कूल नहीं आ रहे हैं।

चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था विक्रम
विक्रम के चाचा भानाराम ने बताया कि उसके पिता कमठा मजदूरी करके परिवार का पेट पालते हैं। कुछ दिन पहले ही एक्सीडेंट हुआ था। इसमें पैर फ्रैक्चर हो गया था। विक्रम चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसकी दो बहने हैं और एक बड़ा भाई है। बड़ा भाई आठवीं क्लास में पढ़ता है।

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