हरियाणा : जालिम को इंसान बना दे या अल्लाह, घर की मेरे दीवार हटा दे या अल्लाह। हिंदू-मुस्लिम बैठ के खाएं एक थाली में, ऐसा हिंदुस्तान बना दे या अल्लाह…। सौहार्द के तराने की यह पंक्तियां थाना सेक्टर-57 में निर्माणाधीन धर्मस्थल में रहकर नायब इमाम मोहम्मद साद सुनाया करता था।
नूंह में हुई हिंसा के बाद 31 जुलाई की रात को उपद्रवियों ने नायब इमाम मोहम्मद साद की हत्या कर दी थी। अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही नायब इमाम की यह पंक्तियां गाती हुई वीडियो देखकर हर कोई यही सवाल कर रहा है आखिर मौलाना का कसूर क्या था, जो उपद्रवियों ने उन पर हमला किया।
मूल रूप से बिहार के जिला सीतामढ़ी में मनियाडीह के गांव पैडोल के वार्ड संख्या-8 के रहने वाले नायब इमाम साद ने गुरुग्राम में आठ महीने पहले ही नौकरी हासिल की थी। वह यहां पर मोअज्जिम (अजान देने वाले) भी थे। उनकी उम्र महज 22 साल थी।
बताया गया है कि मौलाना दीनी तालीम और तकरीर के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द की भी पैरोकारी करते थे। वह सामुदायिक सौहार्द के तरानों को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करते थे। मौलाना की इन वीडियो पोस्ट को काफी पसंद भी किया जा रहा था। अब भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
इस वीडियो को देखकर यूजर कमेंट भी कर रहे हैं। सना तबस्सुम नाम की एक यूजर ने इसे बहुत ही दुखदायी घटना बताया है। फैजान मिर्जा ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के दायरे में लाने की बात कही है। संजय यादव ने कहा है कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे पर दुआ को नज्म के रूप में पढ़ने वाले इमाम की हत्या कर दी गई। यह सौहार्द का कत्ल है।