नोएडा : नोएडा से मोबाइल डाटा चीन भेजने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मोबाइल स्क्रैप बताकर नोएडा की कंपनी से डाटा भेजा जा रहा था। ममले की जांच के बाद एसटीएफ ने चीन के दो नागरिक लीयू रूई व लीयू उवान और नोएडा की रोशन इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-63 में धोखाधड़ी, विदेशी अधिनियम से लेकर अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
जांच में पता चला है कि उत्पाद शुल्क की चोरी कर भारत सरकार को करोड़ों के राजस्व की क्षति पहुंचाई गई। आशंका जताई जा रही है कि अवैध रूप से भेजे गए देश के कई लाख लोगों के डाटा का दुरुपयोग भी किया जा सकता है। इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच एसटीएफ की टीम कर रही है। इस नेटवर्क के कुछ आरोपी ग्रेटर नोएडा से पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।
यूपी एसटीएफ ने कुछ महीने पहले कई चीनी नागरिक को बिहार और नेपाल बॉर्डर से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला था कि आरोपी ग्रेटर नोएडा के विभिन्न सेक्टरों पर रहते थे जबकि उनके कुछ साथी एनसीआर में डेरा डाले हैं। जांच में पता चला था कि आरोपियों के तार सेक्टर-63 की एक कंपनी से जुड़े हुए हैं।
इस मामले में एसटीएफ के इंस्पेक्टर राकेश कुमार की तरफ से कोतवाली सेक्टर-63 में केस दर्ज कराया गया है। दरअसल एसटीएफ ने थाना बीटा-2 क्षेत्र में इस पूरे फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करते हुए 18 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
हांगकांग के रास्ते चीन भेजते थे मोबाइल स्क्रैप, जासूसी की जांच जारी
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि कई कंपनियां इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। कंपनियां नोएडा से हांगकांग की कंपनी को मोबाइल स्क्रैप भेजती हैं। हांगकांग से यह स्क्रैप चीन भेजा जाता है। बताया जाता है कि इस तरह अब तक लाखों लोगों का डाटा चीन भेजा जा चुका है। इस गिरोह में कई जासूसों के शामिल होने की भी बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कई जासूस व आरोपी करीब छह साल से सक्रिय हैं। कई एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी हुई है।
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि कई कंपनियां इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। कंपनियां नोएडा से हांगकांग की कंपनी को मोबाइल स्क्रैप भेजती हैं। हांगकांग से यह स्क्रैप चीन भेजा जाता है। बताया जाता है कि इस तरह अब तक लाखों लोगों का डाटा चीन भेजा जा चुका है। इस गिरोह में कई जासूसों के शामिल होने की भी बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कई जासूस व आरोपी करीब छह साल से सक्रिय हैं। कई एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी हुई है।
2000 करोड़ से अधिक डाटा बेचने की आशंका
बताया जा रहा है कि अब तक करीब 2000 करोड़ रुपये से अधिक का डाटा भारत से चीन भेजा जा चुका है। केंद्र सरकार को इसमें पांच सौ करोड़ से अधिक का नुकसान होने की बात कही जा रही है। कई केंद्रीय एजेंसियां और एसटीएफ की टीम नोएडा से लेकर एनसीआर के अन्य शहरों में जुड़े इस नेटवर्क के बारे में पता लगा रही है।
बताया जा रहा है कि अब तक करीब 2000 करोड़ रुपये से अधिक का डाटा भारत से चीन भेजा जा चुका है। केंद्र सरकार को इसमें पांच सौ करोड़ से अधिक का नुकसान होने की बात कही जा रही है। कई केंद्रीय एजेंसियां और एसटीएफ की टीम नोएडा से लेकर एनसीआर के अन्य शहरों में जुड़े इस नेटवर्क के बारे में पता लगा रही है।
फर्जी कंपनियों से चल रहा था खेल
एसटीएफ ने ग्रेटर नोएडा से लेकर नेपाल बॉर्डर पर छापा मारकर इस नेटवर्क को पहले पकड़ा था। अब तक की जांच में यह स्पष्ट है कि इस पूरे मामले में फर्जी कंपनियों का खेल चल रहा है। देश विदेश में खोली गईं फर्जी कंपनियों के जरिये ही मोबाइल स्क्रैप को चीन निर्यात किया जा रहा था।
एसटीएफ ने ग्रेटर नोएडा से लेकर नेपाल बॉर्डर पर छापा मारकर इस नेटवर्क को पहले पकड़ा था। अब तक की जांच में यह स्पष्ट है कि इस पूरे मामले में फर्जी कंपनियों का खेल चल रहा है। देश विदेश में खोली गईं फर्जी कंपनियों के जरिये ही मोबाइल स्क्रैप को चीन निर्यात किया जा रहा था।