जयपुर : जयपुर में महिला सहायक टैक्स कमिश्नर ने ली रिश्वत, गिरफ्तार:चेहरा छिपाकर बैठी रही आरोपी; खाते-ऑफिस सीज करने की धमकी देकर लिए थे 6.10 लाख रुपए

जयपुर : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने झालाना स्थित कर विभाग में शुक्रवार शाम बड़ी कार्रवाई की। कर विभाग की सहायक कमिश्नर प्रियंका शर्मा को 6.10 लाख रुपए की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई के दौरान कैमरा देख प्रियंका शर्मा अपना चेहरा छिपाकर बैठी रही। आरोपी महिला अधिकारी ने फर्म संचालक के खाते-ऑफिस को सीज करने की धमकी देकर रिश्वत मांगी थी।

ACB टीम ने फर्म संचालक से रिश्वत के रुपए लेने वाले दलाल रिश्तेदार को भी अरेस्ट किया है। फिलहाल रिश्वत मामले में गिरफ्तार की गई सहायक कमिश्नर प्रियंका शर्मा और दलाल रिश्तेदार वेदप्रकाश शर्मा से पूछताछ की जा रही है। ACB टीम दोनों के घर और ऑफिस पर सर्च कर रही है। सर्च में प्रियंका के ऑफिस से 15 लाख रुपए अलग से भी बरामद किए गए हैं।

ADG हेमंत प्रियदर्शी ने बताया- प्रियंका शर्मा सहायक वाणिज्य कर आयुक्त के पद पर तैनात है। झोटवाड़ा के सत्यनगर में रहती है। वहीं, दलाल वेदप्रकाश शर्मा कालवाड़ रोड पर तिरुपति फ्लैट्स में रहता है।

हेमंत प्रियदर्शी ने बताया- पीड़ित ने एसीबी को शिकायत दी थी। 6 जुलाई को उसकी फर्म के सर्वे के लिए कर विभाग की टीम गई थी। टीम का नेतृत्व सहायक कमिश्नर प्रियंका शर्मा कर रही थी। फर्म के सर्वे के दौरान उसके खाते-ऑफिस को सीज करने की प्रियंका ने धमकी दी। सीज कार्रवाई से बचने के लिए 28 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई। बार-बार रिश्वत के लिए धमकाने पर 13.50 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। इसमें 7.28 लाख रुपए टैक्स की रकम भी शामिल थी। रिश्वत की मांग से परेशान होकर पीड़ित ने ACB में प्रियंका शर्मा की शिकायत दी।

कैमरा देख चेहरा छिपाने लगी आरोपी सहायक कमिश्नर।
कैमरा देख चेहरा छिपाने लगी आरोपी सहायक कमिश्नर।

दलाल रिश्तेदार के जरिए ली रिश्वत
ACB के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया गया। टैक्स के 7.28 लाख रुपए ऑनलाइन जमा करवाए गए। प्रियंका शर्मा ने रिश्वत की राशि में से 2 हजार रुपए ड्राइवर और 1 हजार रुपए गार्ड को दिलवाए। रिश्वत के बाकी बचे 6.19 लाख रुपए देने का दबाव बनाया। कुछ रकम कम करने की कहने पर 6.10 लाख रुपए पर प्रियंका अड़ गई।

दलाल वेदप्रकाश शर्मा को भी एसीबी ने पकड़ा।
दलाल वेदप्रकाश शर्मा को भी एसीबी ने पकड़ा।

दलाल रिश्तेदार वेदप्रकाश के जरिए 23 जुलाई को रिश्वत के 6.10 लाख रुपए लिए। रिश्वत की रकम वेदप्रकाश ने प्रियंका को दे दी। ACB की टीम ने पीड़ित और वेदप्रकाश का आमना-सामना करवाया। दलाल वेदप्रकाश ने प्रियंका शर्मा के लिए 6.10 लाख रुपए रिश्वत लेना स्वीकार किया। कर विभाग के ऑफिस में ACB ने कार्रवाई कर प्रियंका को अरेस्ट किया। जांच में रिश्वत की रकम प्रियंका के घर होना सामने आया है।

एसीबी को जांच में प्रियंका शर्मा के ऑफिस से 15 लाख रुपए भी मिले।
एसीबी को जांच में प्रियंका शर्मा के ऑफिस से 15 लाख रुपए भी मिले।
कमरे में बैड के कवर से मिली राशि
आरोपी प्रियंका ने एसीबी को बताया कि रिश्वत के रुपए झोटवाड़ा में सत्यनगर स्थित घर में उसके कमरे के बैड के कवर में रख दिए हैं। एसीबी की टीम ने प्रियंका की निशानदेही पर उसके घर पर बैड में से 6.10 लाख रुपए बरामद किए। इस रकम के अलावा बेड में रखे 15 लाख रुपए और बरामद किए गए।
13.50 लाख रुपए में सौदा तय… टैक्स भी
एएसपी शेखावत ने बताया कि प्रियंका ने 6 जुलाई को परिवादी के मुरलीपुरा ऑफिस, फैक्ट्री व घर पर दबिश दी। प्रियंका ने उससे फैक्ट्री, दफ्तर और खाते सीज नहीं करने के बदले 28 लाख रुपए मांगे। सौदा 13.50 लाख रुपए में तय किया। यह भी तय हुआ कि इसी रकम से बकाया टैक्स भी जमा करवाया जाएगा। प्रियंका ने परिवादी को बताया कि 7.27 लाख टैक्स के बनते हैं। टैक्स जमा करवाने के बाद 6.19 लाख रुपए रिश्वत के. उसको देगा। मौके पर 2 हजार खुद के चालक व एक हजार रुपए गार्ड को दिलवा दिए। परिवादी ने 17 जुलाई को टैक्स जमा करवाया। 23 जुलाई को 6.10 लाख रुपए घूस के दिए ।
‘मुझे माफ कर दो…रुपए लौटा देती हूं’
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की पकड़ में आईं वाणिज्य कर विभाग की अधिकारी प्रियंका शर्मा बोली…मुझे माफ कर दो…गलती हो गई। रुपए लौटाकर माफी मांग लेती हूं। एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि परिवादी ने शिकायत देते समय कहा कि उसके पिता भी सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हैं। पिता ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। परिवादी ने एसीबी को बताया कि 17 जुलाई को टैक्स की राशि जमा करवा दी। इसके बाद आरोपी प्रियंका ने कहा कि 6.10 लाख रुपए रिश्वत के दे देना। एक नंबर वाट्सऐप कर रही हूं। इस नंबर पर बात कर रुपए पहुंचा देना। आरोपी ने रिश्तेदार वेदप्रकाश शर्मा के नंबर दिए। परिवादी ने 25 जुलाई को वेदप्रकाश से संपर्क कर रिश्वत के 6.10 लाख रुपए उसे दे दिए। परिवादी ने शुरू से लेकर अंत तक आरोपियों से बातचीत और रुपए देने के संबंध में सारे सबूत जुटाए।
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