झुंझुनूं : मणिपुर हिंसा व महिलाओं क साथ हुए अत्याचार के विरोध में महिला अत्याचार विरोधी संघर्ष समन्वय समिति की ओर से सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला जलाकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
समिति के संयोजक एडवोकेट बजरंग लाल ने बताया कि मणिपुर की घटना का विरोध करते हुए देश की बेटियों के साथ हुए अत्याचार बंद करने, मणिपुर के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने, वापस शांति बहाल करने, केंद्र सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने, अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर हिंसा के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है। राज्यपाल ने केंद्र सरकार व गृह मंत्रालय को घटना के बारे में अवगत करवाया, लेकिन केंद्र सरकार ने कोई उचित कार्रवाई नहीं की। इस दौरान 27 जुलाई को सीकर में प्रस्तावित प्रधानमंत्री की सभा के विरोध में किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान व महिलाओं को बहिष्कार करने का प्रस्ताव लिया। प्रधानमंत्री का पुतला जलाकर कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान सर्वहारा एकता मंच के महेश चौमाल, क्रांतिकारी किसान यूनियन के करणीराम मझाऊ, तारा पूनिया, मधु खन्ना, शारदा ढाका, सुमित्रा शर्मा, भीम आर्मी के प्रदीप चंदेल, युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह कड़वासरा, विक्रम दुलड़, महेंद्र बाबल, विक्रम स्वामी, ओपेंद्र डुडी, दीपक बाबल, शुभकरण महला, महताब सिंह चौधरी, सहदेव कस्वा, पितराम कालेर, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी लियाकत अली, कैप्टन मोहनलाल, बलबीर सिंह झाझड़िया, हरिसिंह रायल, रामेश्वर, लक्ष्मीनारायण, अलीहसन, बाबूलाल थालौर, लीलाधर, धर्मपाल सिंह डारा, छेलूराम जाट, प्यारेलाल झाझड़िया, ओमप्रकाश जीनगर, जाफर अली, युनूस अली भाटी, दयानंद जानू, रामेश्वर डूडी, श्रीराम डूडी, नरेश ढाका, कुलदीप बुगालिया, हरिराम मुंशी, जितेंद्र सिंह, रामसिंह छानुनिया, रायसिंह, रामनिवास नूनिया, उम्मेदसिंह कृष्णिया, मनीराम चौधरी, बालाराम मेघवाल आदि मौजूद थे।
सूरजगढ़ | क्षेत्र के लोगों ने मणिपुर राज्य में हिंसा रोकने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग उठाई है।
जाट समाज के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया, आदर्श समाज समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, एडवोकेट दीपक सैनी, सोमवीर खीचड़, मदन सिंह राठोड़, ओमप्रकाश सेवदा, राजपाल फोगाट, नवदीप खरड़िया आदि के नेतृत्व में क्षेत्र के लोगों ने एसडीएम कविता गोदारा के मार्फत राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर मणिपुर राज्य में पिछले तीन महीने से हो रही हिंसा को रोकने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।