झुंझुनूं : झुंझुनूं में खड़ी फसल पर पत्थरगढ़ी कर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को काजड़ा के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। सूरजगढ़ के पूर्व विधायक श्रवण कुमार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मिलीभगत आरोप लगाया।
गांव के रमेश नागवान ने बताया कि काजड़ा गांव के सरहद पर गांव के किसान मनीराम गुर्जर, लीलाराम गुर्जर व सीताराम गुर्जर के नाम से जमीन है। इस जगह का जन्म से कब्जा काश्त है। सेटलमेन्ट के दौरान गलती से रिकॉर्ड में महाजन के नाम हो गई। जिसका घोषणा का दावा उपखण्ड़ अधिकारी सूरजगढ़ के न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन उक्त गलत राजस्व रिकॉर्ड का नाजायज फायदा उठाकर महाजन परिवार ने बिना कोई अधिकार के पूर्व विधायक के पुत्र को बेच दी।
इसके बाद 17 जुलाई 2023 को पूर्व विधायक का पुत्र जयप्रकाश 15-20 व्यक्तियों को गांव लेकर आया और प्रशासन को धमकी देकर कब्जा करने की बात कही। इसके बाद जब उपखण्ड़ अधिकारी व तहसीलदार के पास गए तो उन्होंने दबाव होने की बात कहते हुए प्रार्थना पत्र को लेने से मना कर दिया।
गांव के केशर देव गुर्जर ने बताया कि पूर्व विधायक का पुत्र जयप्रकाश भूमाफिया है, गरीब किसानों की जमीन पर कब्जा करने का काम करता है। कल भी 15-20 बदमाशों को लेकर गांव के किसान की जमीन पर कब्जा करने आया था।
पूर्व सैनिक मातादीन यादव ने बताया कि पूर्व विधायक श्रवण कुमार की सह से गांव के गरीब किसानों की जमीन पर भूमाफिया कब्जा करना चाहते हैं। प्रदर्शन के बाद ग्रामीण जिला कलेक्टर से भी मिले। पत्थरगढ़ी को रोकने की मांग की।
इस दौरान विष्णु शर्मा, वार्ड पंच प्रतिनिधि पवन गुर्जर, संजय शर्मा, कृष्ण सोनी उर्फ बंटी, मातादीन सैनी, रमेश गुर्जर, विजय सिंह शेखावत, भंवर सिंह गुर्जर, पालाराम प्रजापत, सीताराम गुर्जर, भीमसिंह शेखावत, सायर सिंह शेखावत, सुरेन्द्र स्वामी, बाबूलाल कुमावत, धर्मपाल प्रजापत, भंवर सिंह चनेजा, सुरेश गुर्जर, धीरसिंह नायक, राजेन्द्र खटाणा, अजय शर्मा, सुनील खटाना, लखण जोशी, दूलीचंद गुर्जर, सरेश खटाणा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
कोर्ट से आदेश आए थे
वहीं इस मामले को लेकर सूरजगढ़ तहसीलदार का कहना है कि मेरे पास कोर्ट से आदेश आया है। जब्ता नहीं होने के कारण पत्थरगढ़ी नही हो पाई। अगर प्रार्थीगण के पास जमीन के कागज है तो पेश करें।
मेरा कोई लेना देना नहीं है
पूर्व विधायक श्रवण कुमार का कहना है कि मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। मेरे पुत्र व एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर जमीन ली है। महाजन की जमीन है। कागज के हिसाब से ही पत्थरगढ़ी की गई थी। आरोप निराधार है। कब्जे वाली कोई बात नहीं है।
अगर सूरजगढ़ उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार ने गलत फैसला किया है तो उन पर भी अधिकारी बैठे है। वहा जाकर अपील कर सकते हैं।