झुंझुनूं : बाल कल्याण समिति झुंझुनूं की पूर्व अध्यक्ष अर्चना चौधरी पर फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति हासिल करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाने में इस्तगासे के जरिए मुकदमा दर्ज करवाया गया है। इधर, समिति की पूर्व अध्यक्ष चौधरी का कहना है कि मुझ पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और रंजिश के चलते मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
प्रकरण में पुलिस ने बताया कि झुंझुनूं निवासी राजेश अग्रवाल ने इस्तगासे के जरिए रिपोर्ट में बताया है कि बाल कल्याण समिति झुंझुनूं के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए अर्चना चौधरी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र देने के साथ ही शपथ पत्र और आवेदन पत्र में भी झूठी जानकारियां दी हैं।
इस्तगासे में समिति की पूर्व अध्यक्ष अर्चनाचौधरी सहित उनके पति दिनेश चौधरी, निजी स्कूल प्रधानाध्यापिका प्रतिभा व अन्य पर भी फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बाल कल्याण समिति अध्यक्ष व सदस्य पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता समाजशास्त्र, एलएलबी जैसे विषयों की पढ़ाई सहित सात साल बच्चों के साथ काम करने का अनुभव जरूरी है। चौधरी पर आरोप है कि पात्रता के लिए जरूरी अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाया गया है।
इसमें निजी स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने भी गलत तरीके से सहयोग किया। इधर, समिति की पूर्व अध्यक्ष अर्चना चौधरी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि रिपोर्टकर्ता राजेश अग्रवाल जिला पर्यावरण सुधार समिति नामक संस्था के सचिव हैं और यह संस्था चूरू में बालिकाओं का आश्रय गृह चलाती थी, जिसकी शिकायतों के बाद चूरू और झुंझुनूं बाल कल्याण समिति ने जांच की, जिसमें मिली अनियमितताओं की रिपोर्ट के ने आधार पर सरकार ने आश्रय गृह का पंजीयन निरस्त कर दिया था। इसी कार्रवाई को लेकर रंजिश के चलते राजेश अग्रवाल ने यह मामला दर्ज करवाया है।