जयपुर : जयपुर में गुजारे भत्ते में 55 हजार रुपए के सिक्के देने के मामले में कोर्ट ने पति को खुद बैंक में जाकर सिक्के जमा करवाने के आदेश दिए। फैमिली कोर्ट-1 ने पत्नी सीमा कुमावत की एप्लिकेशन पर आदेश देते हुए पति को कहा- 55 हजार रुपए के ये सिक्के कोर्ट के बाबू की मौजूदगी में स्वयं जाकर बैंक में जमा करवाएं।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- पत्नी का अकाउंट नहीं होने के कारण ये सिक्के उसके पिता नाथूलाल कुमावत के अकाउंट में जमा करवाएं। पति दशरथ कुमावत ये सिक्के अपने बैंक अकाउंट में जमा करवाकर सीमा के पिता के अकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकता है। दोनों ही सूरत में एक माह के अंदर इसकी रसीद कोर्ट में सब्मिट करनी होगी।
सिक्के जमा कराने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
पत्नी सीमा कुमावत के वकील रामप्रकाश कुमावत ने बताया- कोर्ट ने अपने आदेश में पति दशरथ कुमावत द्वारा गुजारा भत्ता केस में सिक्के जमा कराने पर भी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि पति दशरथ कुमावत कोर्ट के भरण पोषण के आदेश को विफल करने के लिए सिक्के लेकर आया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि न्यायालय के पास इन सिक्कों को गिनने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ऐसे में पति स्वयं इन सिक्कों को कोर्ट के बाबू की मौजूदगी में बैंक ले जाकर जमा करवाए।
आदेश को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती
वहीं, पति दशरथ कुमावत के वकील रमन गुप्ता ने कहा- हम फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। हमने फैमिली कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि सीआरपीसी के सेक्शन 362 के तहत फैमिली कोर्ट को यह अधिकार नहीं है कि वह अपने आदेश को रिव्यू व रिकॉल करे। फैमिली कोर्ट ने हमारी दलीलों को खारिज कर दिया। ऐसे में हम फैमिली कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
पिछली सुनवाई में पत्नी ने कागजी नोट दिलाने की लगाई थी गुहार
इस मामले में 17 जून को हुई सुनवाई में पति दशरथ कुमावत की ओर से पत्नी के गुजारे भत्ते के लिए 55 हजार के सिक्के कोर्ट में पेश किए गए थे। दशरथ की ओर से कहा गया था कि सिक्के वैध भारतीय मुद्रा हैं। इसे स्वीकार किया जाए। इस पर कोर्ट ने सिक्कों को कस्टडी में लेकर 26 जून की तारीख तय की थी। इस दिन दशरथ को इन सिक्कों की एक-एक हजार की थैलियां बनानी थी, लेकिन 26 जून को पत्नी सीमा कुमावत की ओर से कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर कहा गया कि एक हजार की मुद्रा से ज्यादा के सिक्के कॉइन एक्ट के तहत लेन-देन के लिए वैध नहीं हैं। ऐसे में हमें सिक्कों की एवज में कागजी नोट दिलाए जाएं।
करीब 12 साल पहले हुई थी दोनों की शादी
यह पूरा मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा हुआ है। दशरथ कुमावत की शादी करीब 12 साल पहले सीमा कुमावत से हुई थी। शादी के 3 से 4 साल बाद ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। इसके बाद पति ने कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर कर दी। मामले की सुनवाई के दौरान फैमिली कोर्ट ने पति को हर महीने पत्नी को भरण पोषण के 5 हजार रुपए देने के निर्देश दिए।
पति 11 माह से यह राशि पत्नी को नहीं दे रहा था। इसके बाद कोर्ट ने पति के खिलाफ वसूली वारंट जारी कर दिया। इसके बाद भी राशि नहीं चुकाने पर यह गिरफ्तारी वारंट में तब्दील हो गया। इस पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने पति को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया था। उसी दौरान पति 55 हजार के सिक्के लेकर कोर्ट में पहुंचा था।