झुंझुनूं : सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वार्षिक सत्यापन के मामले में प्रदेश की सूची में झुंझुनूं काफी पिछड़ा गया है। प्रदेश की इस सूची में झुंझुनूं जिला 20वें नम्बर पर पहुंच गया है। जहां अभी तक 85.67 फीसदी लोगों ने ही सत्यापन कराया है। जबकि टोंक 96.16 प्रतिशत के साथ टॉप पर है। इसके अलावा पड़ोसी जिले चूरू व सीकर वार्षिक सत्यापान में झुंझुनूं से काफी आगे है। चूरू चौथे तथा सीकर बारहवें स्थान पर है। सरकार की ओर से तीन-चार बार डेट भी बढ़ाई गई है, लेकिन अभी भी लोग सत्यापन कराने के प्रति जागरूक नहीं हैं।
झुंझुनूं की बात करें तो छह महीने बाद भी अभी तक जिले में सिर्फ 85.67 प्रतिशत लोग ही सत्यापन करा सके हैं। बाकी 14.33 प्रतिशत लोगों की छह महीने की पेंशन सत्यापन नहीं कराने के चक्कर में अटकी पड़ी है। अभी भी 42163 लाभार्थी ऐसे हैं, जिनका सत्यापन नहीं हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में 86.07 प्रतिशत एवं शहरी क्षेत्रों में 86.86 प्रतिशत लाभार्थियों का सत्यापन हुआ है।
अधिकतर बुजुर्ग
इनमें अधिकतर पेंशनधारक बुजूर्ग है, जिनके बायोमेट्रिक मशीन पर फिंगर नहीं आ रहे है। जिसके कारण उनकी पेंशन बंद हो गई है। पेंशन चालू करवाने के लिए वह विभागों के चक्कर लगा रहे है। इनमें कुछ विकलांग भी है जो विभाग व ई-मित्र पर जाने में असमर्थ है।
दो तीन बार तिथि बढ़ी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अशफाक खान ने बताया कि वार्षिक सत्यापन के लिए दो-तीन बार डेट बढ़ाई जा चुकी है। फिर लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। 30 जून तक सभी सत्यापन से शेष लाभार्थी ई-मित्र पर जाकर, पंचायत समिति पर जाकर या फेस ऐप के माध्यम से सत्यापन कराएं अन्यथा पेंशन बंद हो जाएगी। जिनके फिंगर नहीं आ रहे है। वे अपने आधार, पीपीओ व जन आधार की फोटो कॉपी के साथ अधिकारियां के पास जाकर सत्यापन करा सकते है।
टोंक सबसे आगे
पेंशन सत्यापन के मामले में सबसे ऊपर 96.19 प्रतिशत के साथ टोंक है। दूसरे नम्बर पर सिरोही (95.92), दौसा (93.89), चूरू (92.63), सवाई माधोपुर (92.29) प्रतिशत के साथ पाचवें स्थान पर है।
जिले में कुल पेंशनधारक 294267
वेरिफिकेशन 252104
पेंडेंसी 42163
नोट यह आंकड़ा 6 जून 2023 तक का है।