जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : श्री आत्मधाम गुरुमंदिर महातीर्थ – बाडवा में गुरुदेव प्रातः स्मरणीय, शिक्षा सारथी, अनंत विभूषित संत पुज्य स्वामी आत्मानंदजी सरस्वती महाराज की गुरुमूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, गुरुमंदिर महातीर्थ पर नव निर्मित विभिन्न प्रकल्पों जैसे धर्म द्वार, ज्ञान द्वार, अतिथि स्वागत कक्ष, पुस्तकालय भवन, अक्षर धाम की थीम पर निर्मित कोरीडोर मार्ग, सुसज्जित ओडिटोरियम होल, आवासीय एसी कमरे, पेयजल की सुंदर प्याऊ सहित बहुत से अन्य भवनों का उद्घाटन व लोकार्पण पुज्य संत महात्माओं के कर कमलों से हो चुका है। अभी यहां भाविकों के दर्शनार्थ एक सुंदर परिक्रमा गेलेरी जिसमें बावजी के जीवन में संपादित महत्वपूर्ण सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक संस्थानों के पोट्रेट फोटो चित्र संक्षिप्त जानकारी सहित स्थापित किया जाएगा ताकि बावजी के दर्शन, उनके समर्पण और त्याग की सच्ची हकीकत राजपुरोहित समाज की वर्तमान व आने वाली पीढ़ी को हो सकें।
आप सभी भलीभांति अवगत है कि बावजी ने अपने जीवन में बालक – बालिकाओं के शिक्षा को प्राथमिकता दी। वे शिक्षा को ही सभी प्रकार की विकृतियों के लिए राम बाण मानते थे। उनका मानना था कि यदि आखर ज्ञान हो जाएगा तो शेष उन्नति के सारे मार्ग आपो आप खुल जाएगें।
उन्होंने समाज के एक भी रू का अपव्यय या नीजी कार्यों में व्यय नहीं किया अपितु समाज को ईश्वर का स्वरूप मानकर उसके उत्थान के लिए अपने जीवन के अंतिम क्षण तक कार्य किया। ऐसे सरल व बिरले संत बहुत ही दुर्लभ मिलते हैं। ये हमारे समाज का सौभाग्य है कि वे हमारे बीच आए और समाज के बीच रहकर मेरी कलम से श्री आत्मधाम गुरुम।