झुंझुनूं-खेतड़ी(बांशियाल) : खेतडी वन्य जीव अभयारण्य जल्द ही शुरू होगा। को लोग खेतड़ी के जंगलों में भी नजदीक से पैंथर देख सकेंगे। जंगल सफारी की पूरी तैयारियां कर ली गई है। पर्यटकों को जंगल में जिप्सी में बैठाकर जंगल सफारी करवाई जाएगी। DFO राजेंद्र हुड़्डा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से झुंझुनूं जिले की खेतडी तहसील में खेतड़ी – नीमका थाना रोड पर बांशियाल सम्पूर्ण वन क्षेत्र 1 मार्च 2017 को खेतड़ी-बांशियाल कंजर्वेशन रिजर्व को वन्यजीवों के लिए संरक्षित क्षेत्र घोषित किया था। यह क्षेत्र 7018.34 हेक्टेयर है। खेतडी बांशियाल अभ्यारण्य में पर्यटक सफारी संचालन के लिए 14 वाहन (सात वाहन प्रति पारी) प्रतिदिन स्वीकृति प्राप्त हुई है। वर्तमान में पर्यटक सफारी हेतु पांच पर्यटक वाहनों ( जिप्सी) का पंजीकरण हो चुका है। बांशियाल खेतड़ी कंजर्वेशन रिजर्व में सामान्य वाहन के लिए प्रति पारी 605 रुपए देशी पर्यटक, 975 रुपए विदेशी पर्यटक के लिए एवं 525रुपये प्रति विद्यार्थी के लिए जंगल सफारी सफारी के लिए दरे निर्धारित की गई है।
बांशियाल को विकसित किया बांशियाल को वन विभाग ने पर्यटकों के लिए विकसित किया है। पक्की दीवार निर्माण, निरीक्षण पथ व्यूप्वाइंट्स, वाटर हॉल,तलाई निर्माण, एनीकट, एसडीएस, वाच टॉवर्स, झौंपे, समदेडा तालाब का जीर्णोद्धार, वनरक्षक चौकी का निर्माण, प्रवेश द्वार, साईंनेजेज, सोलर पंप मय पाइप लाइन कार्य, जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण एवं वृक्षारोपण तथा चारागाह विकास के लिए कार्य करवाए गए हैं।
हर पर्यटक के लगेंगे 605 रुपए उपवन संरक्षक राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया की जंगल सफारी शुरू होने के पश्चात क्षेत्र में पर्यटन की प्रबल संभावनाएं हैं। कंजर्वेशन रिजर्व में वन्यजीवों की सुरक्षा, संरक्षण करने के साथ-साथ नई दिल्ली एवं जयपुर से नजदीकी होने, झुंझुनू जिले की हेरिटेज हवेलियां, बिट्स पिलानी, राणी सती मंदिर, मनसा का मंदिर के कारण पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। खेतड़ी में भोपालगढ़ का किला, स्वामी विवेकानंद म्यूजियम, सुंदर दास धाम, हिंदुस्तान कॉपर माइंस, पन्ना सागर तालाब, शिकार होदी इत्यादि भी इसके लगते हुए क्षेत्र में स्थित है।
ऑनलाइन बुकिंग सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग जयपुर द्वारा वन विभाग की साइट एफएमडीएसएस पर सफारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग लिंक जारी कर दिया गया है । ई-मित्र का टिकट काउंटर भी स्थापित किया जा रहा है।
ये रहेगा जंगल सफारी का टाइम
सफारी का समय 1 अप्रैल से 30 जून तक सुबह 6 बजे से 9 बजे तक एवं शाम 4 बजे से 7 बजे तक है। एक अक्टूबर से 1 जनवरी तक सुबह 7 बजे से 10 बजे तक तथा अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक , एक फरवरी से 31 मार्च सुबह 6.30 बजे से 6.30 बजे तक तथा 1 जुलाई से 30 सितंबर तक वर्षा ऋतु में सफारी बंद रहेगी।
चिंकारा व नीलगाय भी
बांशियाल वन्य जीव अभयारण्य में वर्तमान में पैंथर, चिंकारा, नीलगाय, जंगली सूअर, जरख, गीदड़, सेही, बिज्जू, खरगोश लोमड़ी, जंगली बिल्ली सहित विभिन्न प्रकार के पक्षी मौजूद है। जंगल सफारी में पर्यटक इन वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे। सफारी के लिए जंगल में अलग से मार्ग बनाया गया है। यहां खुली जिप्सी में पर्यटक घूम सकेंगे।
जगह-जगह बनाई तलाई
वनरक्षक अरुण कुमार ने बताया वन्यजीव क्षेत्र में वन्यजीवों के पानी पीने के लिए तलाई, एनीकट विभाग ने निर्माण करवाएं है इसके अतिरिक्त पौराणिक जल क्षेत्र जिनमें अजीत सागर बांध, समदेडा तालाब, पानेता धाम सहित कई बावड़ी व जोहड़ मौजूद है। यहां वन्यजीव प्यास बुझा रहे हैं।
5 जून को होगी शुरुआत बांशियाल – खेतडी वन्य जीव अभयारण्य का उद्घाटन सोमवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल रूप से करेंगे। उपवन संरक्षक झुंझुनूं राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया की अल्बर्ट हाल जयपुर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व वन पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी जंगल सफारी का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर समदेडा तालाब परिसर में आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ जितेंद्र सिंह, जिला कलक्टर डॉ खुशाल यादव, पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा, पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक देवेंद्र चौधरी सहित जिले के समस्त जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे।