जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं/हरिद्वार : विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल को दो दिवसीय बैठक आज सम्पन्न हो गई है । दो दिनों और तीन सत्रों में चली इस बैठक में देश के कोने कोने से आये साधु-संतों ने हिस्सा लिया। श्रीदादू द्वारा बगड़ महामण्डलेश्वर डॉ स्वामीअर्जुनदास महाराज ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया । आज अंतिम दिन बैठक में उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भाग लिया । बैठक की समाप्ति के बाद जानकारी देते हुए विहिप राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने बताया बैठक में उठे देश के ज्वलंत मुद्दों जिसमें समलैंगिक विवाह और लैंड जिहाद के साथ साथ मंदिरों के सरकारों के अधिग्रहण आदि के विषय प्रमुखता से उठाया गया ।
श्रीदादू द्वारा बगड़ महामंडलेश्वर डॉ स्वामी अर्जुन दास महाराज ने कहा बैठक में सरकारों द्वारा मठ मंदिरों को अधिग्रहण किये जाने पर चिंतन किया गया । सरकारों से यह आग्रह किया गया है कि सरकारें मठ मंदिरों से अपना अधिग्रहण छोड़े। मंदिरों के पैसे से अपनी सरकारें ना चलाये। वहीं, उन्होंने कहा हिन्दू समाज में विवाह एक आश्रम है,जिसको तोड़ने के प्रयास किये जा रहे है। यह समाज का अभिन्न अंग है ।
बैठक में निर्णय लिया गया कि धर्मांतरण, लैंड जिहाद ओर लव जिहाद के प्रति जन जागरण को देश भर के संत पूरे देश के गांवों में भ्रमण करेंगे। भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर कुठराघात, समलैंगिकता और लिव इन रिलेशनशिप, देश के सभी मठ मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए जैसे ज्वलंत विषयों पर संतो ने अपने विचार प्रकट कर गहन चिंतन मनन किया। संतो ने देश में निर्बाध गति से चल रहे अवैध धर्मान्तरण, वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने विचार प्रकट किए।
उपवेशन में साध्वी ऋतंबरा, जूनापीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, आदिगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, निर्वाणी पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी विवेकानंद भारती, महानिर्वाणी महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज, महंत कमलनयन दास अयोध्या, पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय, विहिप कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार,परमार्थ निकेतन स्वामी चिदानंद सरस्वती, दक्षिण कर्नाटक से मदार चेन्य्या स्वामी, मठ मंदिर प्रमुख रामानंद जी पाठक के साथ अनेक पूज्य संतो ने अपने वक्तव्य को बैठक में प्रमुख रुप से रखा। विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल बैठक (उपवेशन) में देश भर से 350 शीर्ष संतों एवं 70 साध्वी धर्माचार्यो ने प्रतिभाग किया।