जैसलमेर : राजस्थान के जैसलमेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी ने एक बड़ी घोषणा की है। अमरसागर क्षेत्र में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत प्रवासियों के घरों को गिराया गया था। इसके बाद प्रवासियों ने एक सप्ताह तक धरना, विरोध प्रदर्शन किया था।
इसके बाद जैसलमेर के अधिकारियों ने मंगलवार को पाकिस्तान से आए सैकड़ों हिंदू प्रवासियों के पुनर्वास के लिए 40 बीघा से ज्यादा भूमि आवंटित करने की घोषणा की। उन्हें आवंटित जमीन जिला मुख्यालय से करीब पांच किमी दूर मूलसागर के पास है।
17 मई को ध्वस्त किए गए थे इनके घर
जैसलमेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी की ओर से बुधवार को की गई घोषणा के बाद प्रवासियों का विरोध शांत हो गया है। बता दें कि शहरी सुधार ट्रस्ट (यूआईटी) ने 17 मई को अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत अमरसागर क्षेत्र में कई अस्थायी घरों को ध्वस्त कर दिया और यहां अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को बेदखल कर दिया।
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए आईएएस टीना डाबी ने कहा कि हालांकि आवंटित भूमि उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित होगी, जो अभी भी पाकिस्तानी प्रवासी के रूप में हैं। आवंटन केवल भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के बाद ही होगा।
डाबी ने कहा कि जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर खसरा नंबर 72 और 73 में 40 बीघा जमीन अमरसागर में सरकारी जमीन से बेदखल पाकिस्तानी हिंदू परिवारों के पुनर्वास के लिए आवंटित की गई है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन वहां रहने वाले सभी पाकिस्तानी विस्थापितों की एक सूची तैयार करेगा। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) में उनके खातों को पहले सत्यापित किया जाएगा। हम लंबी अवधि के वीजा पर रहने वाले परिवारों की संख्या की भी जांच करेंगे। जिनके पास नागरिकता है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जमीन आवंटित की जाएगी।
अभी सरकारी आश्रय घरों में कराई रुकने की व्यवस्था
उन्होंने कहा कि पुनर्वास के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान करने और मामले से संबंधित अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए विशेष रूप से गठित समिति द्वारा निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि आगे की प्रक्रिया की निगरानी भी यह समिति करेगी। डाबी ने खुलासा किया कि जिला प्रशासन ने भूमि आवंटन प्रक्रिया पूरी होने तक सरकारी आश्रय गृहों में हिंदू प्रवासियों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की है।