जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : युवा लेखक और शोधकर्ता डॉ. जुल्फिकार को नई दिल्ली में 12 अप्रैल को आयोजित दूसरे विवेकानंद शिखर सम्मेलन में विवेकानंद सस्टेनेबिलिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ. जुल्फिकार को यह सम्मान विवेकानंद यूथ संस्था की और से नई दिल्ली के डॉ. भीमराव अम्बेडकर इंटरनेशनल सभागार में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दिया गया।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सभागार में कहा कि डॉ. जुल्फिकार की पुस्तक ” स्वामी विवेकानंद चिन्तन एवं रामकृष्ण मिशन खेतड़ी ” ज्ञान व आध्यात्मिक प्रेरणा देने वाली है। यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के 109 दिन खेतड़ी प्रवास की विशिष्ट घटनाओं के साथ-साथ नरेंद्र कैसे खेतड़ी में बने विवेकानंद को भी दर्शाती हैं।
डॉ. जुल्फिकार
डॉ. जुल्फिकार : राजस्थान के झुंझुनूं जिले के भीमसर के रहने वाले डॉ. जुल्फिकार ने मुस्लमान होते हुए भी स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी की है। इसके अलावा उन्होंने देश विदेश में स्वामी रामकृष्ण मिशन से जुड़े मठों में रहकर अध्ययन किया है। जुल्फिकार का मकसद है कि देश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक स्वामी जी के विचार पहुंचे, ताकि वे सादगी से जीवन जी सकें आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार को अपना गुरु मानने वाले जुल्फिकार ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने धर्म के बंधन को तोड़कर सामाजिक समरसता का भाव दर्शाया है. डॉ. जुल्फिकार ने 2005 से लेकर 2009 तक शोध किया और स्वामी विवेकानंद पर पुस्तक भी लिखी। जबकि उनको 10 वर्ष की उम्र में ही खेतड़ी के रामकृष्ण मिशन से इतना लगाव हो गया था कि स्कूली समय में ही मिशन में जाकर वहां के संन्यासियों से धर्म के बार में जानकारी लेनी शुरू कर दी थी। पीएचडी करने के बाद तो मिशन के साथ-साथ मठों की भी यात्राएं करना शुरू कर दी हैं। इसके अलावा डॉ. जुल्फिकार ने भारत के सबसे प्रसिद्ध वैल्युर मठ में रहकर अध्ययन किया है, तो वह बांग्लादेश और श्रीलंका के मठों में भी अध्ययन कर चुके हैं।
इस अवसर पर डॉ. जुल्फिकार ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को विवेकानंद पुस्तकों व प्रोजेक्टों पर कर रहें काम से भी अवगत करवाया और खेतड़ी में बने देश का पांचवा और राजस्थान का पहला स्वामी विवेकानंद संग्राहलय में आने का निमन्त्रण दिया | इस चयन सूची में देश में यह सम्मान प्राप्त करने वाले डॉ. जुल्फिकार एक ही मुस्लिम युवा लेखक व चिन्तक है।