जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : दादू द्वारा बगड़ के महामंडलेश्वर डॉ अर्जुन दास महाराज के सानिध्य में हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति जोधपुर विश्वविद्यालय डॉ लोकेश शेखावत थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जेजेटी संस्कार केंद्र के संस्थापक चेयरपर्सन रमाकांत टीबड़ेवाल ने की।कार्यक्रम का संचालन उद्घोषक मूलचंद झाझड़िया द्वारा किया गया ।
पूर्व संयुक्त निदेशक, शिक्षा हरिराम महण, पूर्व विधायक डॉ मूलसिंह शेखावत, मोरारका कॉलेज के प्रोफेसर इरशाद अहमद एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ हनुमान प्रसाद कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे। आयोजक राजेंद्र भाम्बू ने उपस्थित अतिथियों के साथ समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं का सम्मान करते हुए गुरु की महत्ता को रेखांकित किया और उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रथम धूरी बताते हुए लगातार प्रकाश देने वाले दीपक की संज्ञा दी।
समारोह में झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र के 125 से अधिक स्कूलों के हजारों अध्यापक-अध्यापिकाओं का शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और पुस्तक सैट देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जेजेटी संस्कार केंद्र द्वारा सभी विद्यालयों के संस्थापकों को पाठ्यक्रम का एक पुस्तक सैट भी भेंट किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ लोकेश शेखावत ने प्रेरक दृष्टांतों के माध्यम से गुरु सत्ता को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि गुरुत्व की अनुभूति होना राष्ट्रीयता की प्रथम निशानी है। हिंदुस्तान अपनी गुरुकुल गौरव पद्धति से जगतगुरु था और भविष्य में भी जगतगुरु की पदवी पर काबिज रहेगा।
कार्यक्रम को प्रोफ़ेसर इरशाद अहमद, डॉ मूल सिंह शेखावत, हरिराम महण, रमाकांत टीबड़ेवाल, तथा डॉ अर्जुनदास महाराज ने संबोधित करते हुए सभी सम्मानित होने वाले अध्यापक-अध्यापिकाओं को उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामना देते हुए बधाई दी।
इस अवसर पर राजेंद्र डांगी, अशोक सिंह बड़ागांव, मनीष अग्रवाल, सरदार सिंह बाबल, राजकुमार मोरवाल, महेंद्र सिंह धनखड़, चंचल मालवीय, राजेंद्र मंडीवाल, अभय सिंह मुंड, सुभाष जनेवा, मुकेश कड़वासरा, रामावतार मालसरिया, इकबाल लालपुरिया, जाकिर चौहान, नरेंद्र शेखावत, राम सिंह नेहरा, पवन पुजारी, नरेंद्र वर्मा, दिनेश अग्रवाल, विनोद सिंघानिया, प्रदीप पाटोदिया, प्रमोद जानू, प्रमोद बुडानिया, सुरेंद्र सिंह भाम्बू, धर्मपाल सिंह भाम्बू, सुभाष पारीक, फूलसिंह भाम्बू, रघुवीर सिंह सहित विद्यालयों के निदेशक, शिक्षक व बड़ी संख्या में झुंझुनू के गणमान्य लोग उपस्थित थे।