झुंझुनूं : कैरू गांव का मामला:पत्नी ने साथ जाने से मना किया तो गुस्साए युवक ने 15 माह की मासूम बेटी को दीवार से भिड़ाया, मौत

झुंझुनूं : पत्नी ने साथ जाने से इनकार कर दिया तो गुस्साए युवक ने अपनी 15 माह की मासूम बेटी को दीवार से भिड़ाकर मार दिया। मामला इलाके के कैरू गांव का है। जानकारी के अनुसार गिरधरपुरा निवासी कैलाश मेघवाल रविवार को अपनी पत्नी कविता को लेने के लिए कैरू आया था। कैरू में कविता का ननिहाल है।

वह 10 दिन पहले ही ससुराल से गणगौर पूजन के लिए ननिहाल कैरू आई थी। कैलाश ने आते ही कविता की नानी दुर्गादेवी से उसे भेजने को कहा। दुर्गा देवी ने मना कर दिया तो गुस्से में कैलाश ने दुर्गादेवी की गोद में खेल रही 15 माह की बेटी ओजस्वी को जबरन छीन लिया और जाने लगा। तब कविता के मामा बलदेव व विजयपाल ने उसे रोकने का प्रयास किया तो गुस्से में कैलाश ने मासूम बेटी ओजस्वी को दीवार से भिड़ा दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

ढाई साल पहले परसरामपुरा की दो बहनों की सगे भाइयों से हुई थी शादी
साथ किए थे पिछले नवरात्र, इस नवरात्र में बेटी की हत्या की

कविता की बहन भारती काफी दिनों से अपने पीहर परसरामपुरा आई हुई थी। भारती का अपने पति गिरधरपुरा निवासी जीवण के साथ मनमुटाव चल रहा है। उसके मामा विजयपाल ने बताया कि जीवण शराब के नशे में भारती को पीटता था। इस कारण भारती कई दिनों से पीहर परसरामपुरा आई हुई थी। परिवार के लोग इनके मनमुटाव को खत्म कराने की कोशिश में जुटे हुए थे। इस बीच 10 दिन पहले ननिहाल आई कविता को भेजने से मना कर दिया तो कैलाश ने मासूम की जान ले ली।

गिरधरपुरा निवासी कैलाश (38) व उसके भाई जीवण (35) की शादी ढाई साल पहले परसरामपुरा निवासी कविता व उसकी बहिन भारती के साथ हुई थी। कविता के 15 माह की बेटी ओजस्वी ही थी। कविता की छोटी बहन भारती का अपने पति जीवण के साथ मनमुटाव चल रहा है। इसलिए वह काफी समय से पीहर परसरामपुरा में रह रही है। जबकि कविता ससुराल गिरधरपुरा रहती थी। लेकिन 10 दिन पहले वह गणगौर पूजन के लिए अपने ननिहाल कैरू आ गई। यहां आने के बाद उसके ननिहाल वालों ने कहा कि जीवण व भारती का विवाद निपटाने पर ही वे कविता को भेजेंगे। बस इसी बात पर विवाद हो गया।

15 माह की मासूम का क्या कसूर था
मेरी दोहिती कविता पिछले दस दिनों से मेरे पास आई हुई थी। उसे गणगौर पूजने के लिए बुलाया था। रविवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे कविता का पति कैलाश उसे लेने आया था। उस समय 15 माह की मासूम मेरी गोद में खेल रही थी। कविता बाहर गई हुई थी। उसने कविता को साथ भेजने के लिए कहा तो मैंने उन्हें कहा- कुछ दिन रुक जाने दो। हम लेकर आए थे। हम ही वापस छोड़कर आ जाएंगे। तब वे गुस्सा हो गए। गाली गलौच करने लगे। मेरे बेटे बलदेव व विजयपाल ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। गुस्से में 15 माह की ओजस्वी को मेरी गोद से छीन लिया और अपने साथ ले जाने लगे। तब बेटे बलदेव ने उन्हें रोकना चाहा तो उसने मासूम को दीवार से भिड़ा दिया। इससे उसकी मौके पर ही जान चली गई। इसमें मासूम का क्या कसूर था। छोटी सी कलह ने मासूम की जान ले ली।
-जैसा कि नानी दुर्गादेवी ने बताया

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