झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी तहसील को नवगठित नीमकाथाना जिले में मिलाने का विरोध तेज होता जा रहा है। शुक्रवार को बाढ़ा की ढाणी में पांच पंचायतों के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने झुंझुनू जिले में ही रहने की मांग की है।
ग्रामीणों ने की सभा
ग्रामीणों की ओर से कैप्टन भंवर सिंह की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से नीमकाथाना में शामिल नहीं होने और झुंझुनू जिले में ही रहने की मांग की है। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि झुंझुनू जिला वीरों की भूमि है। झुंझुनू ने अपनी वीरता और शौर्य के पराक्रम से पूरे देश में अपना गौरव बढ़ाया है। अब राजस्थान सरकार अपने राजनीतिक फायदे के कारण खेतडी पंचायत समिति क्षेत्र को नीमकाथाना में शामिल करना चाह रही है।
खेतड़ी को झुंझुनूं में ही रखने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि खेतड़ी राजस्थान की सबसे बड़ी रियासत जयपुर के बाद दूसरी बडी रियासत हुआ करती थी। लेकिन खेतड़ी को जिला बनाने की बजाय पंचायत समिति क्षेत्र को दूसरे जिले में शामिल किया जा रहा है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। विरोध में शामिल पंचायतों के ग्रामीण झुंझुनूं जिले में ही रहना चाहते है।
दो अप्रैल को चारणवास में सभा
ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से मिलकर समस्या को लेकर अवगत करवाया जाएगा। इस दौरान आगामी 27 मार्च को इन ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया जाएगा। जिसमें नीमकाथाना में सम्मिलित नहीं होने के लिए प्रस्ताव लिया जाएगा। वहीं दो अप्रैल को चारावास में बड़ी सभा का आयोजन कर विरोध किया जाएगा।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर सरपंच बहादुर मल, कैप्टन पृथ्वी सिंह शेखावत, कैप्टन भंवर सिंह शेखावत, रोहिताश नरूका, पूर्व सरपंच अमर सिंह झाझडिया, कामरेड रामचंद्र कुल्हारी, थानेदार भीम सिंह, शिवराज सिंह शेखावत, गोविंद सिंह शेखावत, महिपत सिंह शेखावत, जय सिंह शेखावत, लक्ष्मण सिंह शेखावत, चंदगीराम ढाका, मूलाराम ढाका, देवकरण पायल, रविंद्र पायल, बिरजू ढाका, रामनारायण ढाका, गुलजारी खान, सभाचंद ढाका, लोयल सरपंच महेंद्र काजला, सुमेर सिंह मैनेजर, रोहिताश काजला, बिरजू ढाका, कामरेड इन्द्राज सिंह चारावास, जयपाल सिंह समेत अनेक ग्रामीण मौजूद थे।