झुंझुनूं-खेतड़ी(खेतड़ीनगर : हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1967 में हुई, उसी समय मुख्यालय भी खेतड़ीनगर में ही बनाया गया था। अधिकारी मनमानी कर खेतड़ीनगर से मुख्यालय को वर्ष1972 में कोलकाता ले गए। इसका कर्मचारियों ने विरोध भी किया लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं मानी। इसी के साथ एचसीएल के सारे मुख्य ऑफिस कोलकाता चले गए। वहीं से सारा कार्य चलने लगा जो की केसीसी प्लांट के लिए भी ज्यादा महंगा साबित होने लगा। वहीं बैठकर अधिकारियों ने मनमर्जी के निर्णय किए। यह निर्णय प्लांट को पतन की तरफ ले गए। मुख्यालय कोलकाता हो जाने से यहां के कर्मचारियों का सीधा संपर्क उच्च अधिकारियों से टूट गया। हर काम के लिए उनको कोलकाता जाना पड़ता था। इससे समय व धन दोनों ज्यादा लगते थे।
कोलकाता मुख्यालय होने से केसीसी प्रोजेक्ट को नुकसान
- कर्मचारियों का उच्च अधिकारियों से सीधा सम्पर्क टूटा।
- राजस्थान को रेवन्यू का नुकसान।
- कोलकाता में जारी नियम समय पर नहीं पहुंचे।
- उच्च अधिकारी हकीकत से नहीं हो सके रूबरू।
- जैसा केसीसी के अधिकारियों ने बताया उसे ही कोलताता के अधिकारियों ने सही मान लिया।
इनका कहना है-
मुख्यालय को यहां से ले जाने के कारण उच्च अधिकारियों के साथ संवाद नहीं हो पाया। मुख्यालय तक केसीसी की जरूरत की मांगे नहीं पहुंच सकी। अधिकारियों की गलत नीतियां की वजह से केसीसी की ऐसी हालत बनी है। नई टेक्नोलॉजी के साथ कार्य कर इसको वापस पहले जैसी स्थिति में लाया जा सकता है।
श्याम लाल सैनी, महामंत्री खेतड़ी कॉपर मजदूर संघ
कोलकाता में एचसीएल का मुख्यालय जाने के बाद केसीसी में सही तरीके से नियम नहीं जारी हो सके। जिससे नुकसान हुआ है। अगर एचसीएल प्रशासन चाहे तो नई टेक्नोलॉजी व सही दिशा निर्देशन से वापस पटरी पर ला सकती है
राजकुमार बाडेटिया, राष्ट्रीय सचिव नीफ्टू