उत्तर प्रदेश-गाजियाबाद : गाजियाबाद के मोदीनगर के गांव में 18 अगस्त 2022 को दुष्कर्म के बाद की गई नौ साल की बच्ची की हत्या के मामले में दोषी कपिल कश्यप (25) को पॉक्सो कोर्ट के जज अमित कुमार प्रजापति ने बुधवार को फांसी की सजा सुनाई। उस पर 61 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।
उसे 13 मार्च को दोषी करार दे दिया गया था। इस केस में पुलिस ने जांच पूरी करके सिर्फ छह दिन में आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप तय होने के बाद कोर्ट ने पांच महीने 29 दिन में फैसला सुना दिया।
पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि कपिल घर के बाहर खेल रहीं ममेरी-फुफेरी छह और नौ साल की दो बहनों को आइसक्रीम दिलाने के बहाने साइकिल पर ले गया था। छोटी छूटकर भाग गई थी। बड़ी को शाहजहांपुर गांव में गन्ने के खेत में ले जाकर उसने दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी।
उसे कुछ लोगों ने बच्चियों को ले जाते हुए देखा था। पुलिस ने 19 को उसे गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर ही बच्ची का शव बरामद किया था। पुलिस ने 14 गवाह पेश किए। इनमें सबसे अहम छह साल की बच्ची की गवाही रही। कपिल ने दरिंदगी उसके सामने की थी। इस केस को विरल से विरलतम मानते हुए 28 पेज के फैसले में कोर्ट ने फांसी की सजा दी है।
पॉक्सो कोर्ट के जज अमित कुमार प्रजापति ने बुधवार दोपहर जैसे ही यह फैसला सुनाया, अभियुक्त को मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाया जाए, वैसे ही बच्ची की मां की भावुक हो गई और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। वह अल्लाह को शुक्रिया अदा करने लगीं। उन्होंने कहा, जज साहब, आपने इंसाफ किया है, बहुत अच्छा इंसाफ किया है, हमें आप पर भरोसा था और अल्लाह पर भी।
आपने हमारी तकलीफ को समझा, अल्लाह से दुआ करती हूं कि आपकी हर मुराद पूरी करे। बच्ची की लाश मिलने के बाद से हर दिन इसी सोच में बीता है कि इंसाफ कब मिलेगा। इसका भी शुक्रिया है कि इंसाफ में देरी नहीं हुई। बच्ची के पिता ने कहा, बिटिया को आज इंसाफ मिल गया।