जयपुर : वीरांगना मंजू जाट ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए लगाए हैं। इसके बाद रविवार देर शाम एसएचओ चित्रकूट गुंजन सोनी वीरांगना से मिलने पहुंचीं। मेडिकल कराने की बात कही, लेकिन मंजू ने मेडिकल कराने से मना कर दिया।
मंजू जाट का कहना है कि उसके शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान हैं। पुलिस ने नजर बंद किया हुआ है। घर के चारों तरफ पुलिस का पहरा लगा है। फिलहाल जिस घर में मंजू जाट रह रही हैं, वो मंजू की ननद का बताया जा रहा है।
वीरांगना को नजरबंद क्यों कर रखा है? पुलिस का पहरा वीरांगनाओं पर लगा रखा है लेकिन पेपर लीक माफिया पर नहीं ऐसा क्यों? क्यों पेपर लीक होते हैं?? pic.twitter.com/BfMNu3XbuI
— Sita Ram Meena Jamwa Ramgarh 🇮🇳 (@Sitaram01875443) March 12, 2023
इधर, जयपुर में एडिशनल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया- तीनों वीरांगनओं की तबीयत खराब होने पर डॉक्टरों की सलाह पर उठाया कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जबकि तीनों विरांगानाओं का आरोप है कि उनकी तबीयत ठीक होने के बाद भी उन्हें जबरन धरनास्थल से उठाया गया। अगर उनकी तबीयत खराब थी तो पुलिस उन्हें उनके गांव क्यों लेकर गई। उन्हें एसएमएस या किसी और अस्पताल में जयपुर में ही भर्ती क्यों नहीं कराया गया? मंजू जाट का आरोप है कि पुलिस ने प्लॉट नंबर 26, आनंद विहार हरमाड़ा में नजरबंद किया हुआ है।
मंजू जाट से मिलने जा सकते हैं बीजेपी नेता
मंजू जाट की लोकेशन आने के बाद आज बीजेपी के नेता भी मंजू से मिलने जा सकते हैं। इसे देखते हुए पुलिस ने मंजू जाट के घर और आसपास सुरक्षा और अधिक बढ़ा दी है। वहीं. अन्य दो वीरांगनाओं के भी घरों के आसपास सुरक्षा बढाने की जानकारी सामने आई है।
किरोड़ी लाल मीणा के स्वास्थ्य में सुधार
उधर, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के स्वास्थ्य में सुधार है। कल बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता मीणा से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह दिल्ली से जयपुर आकर कल किरोड़ी लाल मीणा से मिले और कहा कि किरोड़ी लाल मीणा का संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा। हम सब उनके साथ खड़े हैं।
दरअसल, पुलवामा हमले में शहीद रोहिताश्व लांबा की पत्नी मंजू जाट और दो अन्य वीरांगनाओं सुंदरी देवी गुर्जर और मधुबाला मीणा के साथ जयपुर में धरने पर बैठी थीं। 9 मार्च की देर रात 3 बजे पुलिस ने तीनों वीरांगनाओं को जबरदस्ती धरनास्थल से हटा दिया था। मंजू को धरनास्थल से उठाकर पुलिस ने उनके गांव गोविंदपुरा बासड़ी छोड़ा था। फिर उन्हें अमरसर पीएचसी में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद से मंजू जाट का कोई अता-पता नहीं था। घरवाले पुलिस पर आरोप लगा रहे थे। रविवार को मंजू का एक वीडियो सामने आया है।
यह है मामला
पुलवामा के शहीदों की पत्नियां मंजू जाट,सुंदरी देवी, मधुबाला मीणा पिछले एक हफ्ते से कांग्रेस नेता सचिन पायलट के निवास के बाहर धरना दे रही थीं। पुलिस ने गुरुवार रात तीन बजे इन्हें जबरदस्ती धरनास्थल से उठाकर एंबुलेंस में उनके गांव पहुंचा दिया। भाजपा सांसद किरोड़ीलाल जब शुक्रवार को शहीदों की पत्नियों से मिलने जा रहे थे तो उन्हें रोक लिया गया। इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वीरांगनाओं की ये हैं मांगें
पुलवामा शहीदों की पत्नियां मंजू जाट और सुंदरी देवी अपने देवर के लिए सरकारी नौकरी मांग रही हैं। सरकार का तर्क है कि देवर को सरकारी नौकरी देने का नियमों में प्रावधान नहीं है। शहीद हेमराज मीणा की पत्नी की मांग है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए। एक स्कूल का नामकरण शहीदों के नाम पर करें। शहीदों की पत्नियों ने अब बदसलूकी करने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई करने की मांग भी जोड़ ली है।