झुंझुनूं-खेतड़ी : केसीसी प्रोजेक्ट के कॉपर क्लब में चल रहे दो दिवसीय आईआईएम के 43वें राष्ट्रीय अधिवेशन का शनिवार को समापन किया गया। सेमिनार के दौरान वेबिनार से खदान में उत्पादन बढ़ाने को लेकर दो सेशन हुए। जिसमें गैर लौह खनिज उद्योगों में सतत विकास के लिए नवाचारों के माध्यम से क्षमता बढ़ाने के विषय पर चर्चा की गई।
समारोह के दौरान एचसीएल के खदान निदेशक संजीव सिंह ने कहा कि आईआईएम का विस्तार देश के अन्य हिस्सों में भी हुआ और कई अध्याय खोले गए है। जिनमें से खेतड़ीनगर अध्याय एक ऐसा अध्याय बन गया जिसने अपनी स्थापना के बाद से गैर लौह खनन और धातु उद्योग से संबंधित विभिन्न विषयों पर कई सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित की है। जिससे प्रासंगिक ज्ञान और जानकारी से समृद्ध किया है। भारतीय धातु संस्थान के खेतड़ी नगर चैप्टर का गठन 9 अगस्त 1980 को किया गया था और औपचारिक रूप से 17 जनवरी 1981 को इसका उद्घाटन किया गया था। आईन-ए-अकबरी में भी सिंघाना और उदयपुर में तांबे की खान और तांबे के सिक्के के लिए टकसाल बनी होने की जानकारी है।
केसीसी कार्यपालक निदेशक श्रीकुमार ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से भी खेतड़ी महत्वपूर्ण है। खेतड़ी नगर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खेतड़ी कस्बा स्वामी विवेकानंद और महाराजा अजीत सिंह की मित्रता का साक्षी है। स्वामीजी कई बार खेतडी राजभवन में रहे। महाराजा अजीत सिंह ने धर्मों पर विश्व सम्मेलन को संबोधित करने के लिए शिकागो में स्वामीजी की आध्यात्मिक यात्रा की सुविधा प्रदान की। खेतड़ी राजभवन का एक हिस्सा अब रामकृष्ण मिशन में परिवर्तित हो गया है और इसमें स्वामीजी के जीवन, उपलब्धियों और शिक्षाओं को समर्पित एक संग्रहालय भी है। कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई।
इस मौके पर सजू सी सेम, एस गुहा, एके मालिक, डॉ. आनंद, एसके पुरोहित, दिनेश ग्रोवर, आरएस सज्वान वानेंदु भंडारी, अभिषेक पारीक, एके दत्ता, सुमन कुमार, नागेश राजपुरोहित, यूबी भट्ट, संजय सिंह, विपिन शर्मा, नीलाभ दुबे, ऋचि भटनागर, बिड़दूराम सैनी, श्याम लाल सैनी, राजकुमार बाडेटिया, ओमप्रकाश धायल समेत अनेक लोग मौजूद रहे।