जयपुर : गहलोत बोले- ‘मिशन-156’ पर काम शुरू, चाहे मोदी पड़ाव डालें, नड्डा-भागवत आएं, जनता नहीं करेगी स्वीकार

जयपुर : राजस्थान सीएम गहलोत ने बीजेपी मुख्यालय के बाहर होर्डिंग में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी फोटो लगने पर कहा- वो बीजेपी पार्टी का अंदरूनी मामला है, पार्टी उन्हें तवज्जो दे या नहीं दे। हमारा रास्ता बिल्कुल साफ है। जब हमने 1998 में सरकार बनाई थी तो 156 सीटें आई थीं। तब मैं पीसीसी अध्यक्ष था। मैं चाहूंगा कि मिशन 156 लेकर हम चलें। इस रूप में हमने काम शुरू कर दिया है। हमारे चारों बजट शानदार आए हैं। इस बार का बजट भी शानदार आएगा, यह हमारा प्रयास है। हम चाहेंगे कि राजस्थान को देश में नंबर 1 स्टेट बनाएं। उसी दिशा में हम चल पड़े हैं।

हमारे फैसले आज देश में चर्चा का विषय

गहलोत बोले- हमारी सरकारी योजनाओं को लेकर दूसरे राज्यों की सरकारें हमारे अफसरों से बात कर रहे हैं, स्कीमें अपना रही हैं। हमारे फैसलों को वो मानते हैं। हमने ग्रामीण ओलम्पिक कराया तो सभी राज्य सरकारों ने उसे बहुत ही वेलकम किया और वो भी उसे लागू करने की सोच रही हैं। हमारे हर फैसले देश में आज चर्चा का विषय बने हुए हैं। मैं उम्मीद करता हूं- हेल्थ सर्विस, शहरी रोजगार, उड़ान योजना, बच्चों की अनुप्रति कोचिंग योजना, 250 नौजवानों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजने की स्कीम शानदार है। विदेश में पढ़ने आने वाले नौजवान भी कुछ बनकर राज्य की चिंता करेंगे। हमें खुदका मानव संसाधन मिलेगा। हमारे प्रोग्राम एक से बढ़कर एक हैं।

ओपीएस 75 साल लागू रहा, आधुनिक भारत ओल्ड पेंशन स्कीम के साथ बना

सीएम गहलोत बोले-हमने ओपीएस लागू किया, कई अर्थशास्त्री इसका विरोध भी कर रहे हैं।  लेकिन आजादी के 75 साल तक ओपीएस देश में लागू रही। देश कहां से कहां तक आज पहुंचा। पहले सुई नहीं बनती थी। आधुनिक भारत ओल्ड पेंशन स्कीम के साथ बना है। अब ओपीएस के बारे में जो इकोनॉमिस्ट अपनी राय देते हैं, वो हमारे अधिकारियों से डिस्कशन करें। हम डिस्कशन और मार्गदर्शन के लिए तैयार हैं। लेकिन सोशल कमिटमेंट और मानवता भी कोई चीज होती है। मानवीय दृष्टिकोण से भेदभाव क्यों हो, आर्मी में ओपीएस और बीएसएफ में ओपीएस नहीं है, यह एक ही उदाहरण बताने को काफी है। पैरामिलिट्री में भी ओपीएस नहीं है। जो ओपीएस ले रहे हैं, वो अधिकारी-कर्मचारी डीए छोड़ने को तैयार हैं क्या ? वो तैयार नहीं है। लेकिन नए लोगों को मार्केट के भरोसे छोड़ा जा रहा है। म्युचुअल फंड, बॉम्बे शेयर मार्केट के भरोसे छोड़ा जा रहा है। सालों पहले अमेरिका में बातें हो चुकी हैं कि कभी भी सोशल सिक्योरिटी को मार्केट में नहीं छोड़ना चाहिए।

मैंने सरकार चलाने के अंदर जान लगा दी है

सवाल पर गहलोत पानी पीकर बोले- जब मैंने मिशन 156 की बात की है, तो सोच समझकर की होगी। सिलसिला टूटना चाहिए। मैंने सरकार चलाने के अंदर जान लगा दी है। कोई कमी नहीं रखी, रात और दिन एक कर रहा हूँ। मुझे चाहे 3 बार कोरोना हो गया हो, मैंने 500 बार वीडियो कांफ्रेंसिंग की है। सारी पॉलिटिकल पार्टी, धर्मगुरूओं को साथ लेने का काम किया है। आम लोगों को भूखा नहीं सोना चाहिए नारा दिया। दवाईयां, इंजेक्शन फ्री… क्या कुछ नहीं किया। मैं हर चीज में जान लगा रहा हूँ। बार-बार बोल रहा हूँ तो कुछ सोचकर ही बोलता हूं।

जब बोलता हूं तो दिल की आवाज जुबान पर आती है

सीएम गहलोत बोले- मैं बिना सोचे नहीं बोलता हूँ। मुझे गॉड गिफ्ट है, जब बोलता हूं तो दिल की आवाज जुबान पर आती है। इसलिए बोल रहा हूं, तो लगता है जनता मेरा साथ देगी। पहले एक बार कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त की और चुनाव में हमें हरवा दिया। जब उन्होंने 64 दिनों की स्ट्राइक की। ‘नो वर्क, नो पे’ बहुत बड़ा हमारा डिसीजन था। कुछ हमारी गलती भी रही हम डायलॉग नहीं कर पाए कर्मचारियों से । मैं भी नया था और इस बात का अनुभव नहीं था कि वो नाराज क्यों हो रहे हैं। गलती हो गई। उनकी भी गलती रही, मेरी भी गलती रही।

फिर मोदीजी की हवा देश में चल पड़ी

गहलोत ने स्वीकार करते हुए कहा फिर मोदी जी की हवा देश में चल पड़ी। लोग कहने लगे- एक बार तो मोदी को लाओ ही लाओ, वो तब आएंगे जब राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ जीतेंगे। एक हवा चल पड़ी, जिसका फायदा मोदीजी को मिल गया। हम लोग 21 सीटों पर आ गए।  हमने काम करने में उस वक्त भी कमी नहीं रखी। उन कामों को याद रखकर ही 2018 में दोबारा हमारी सरकार बनी। मैं दावे के साथ कह सकता हूं सरकार जाते ही लोग 6 महीने में ही याद करने लग जाते हैं कि गलती हो गई, पुरानी सरकार अच्छी थी। वो जो माहौल बनता है, वो भी सरकार वापस आने का बड़ा कारण होता है। बाकी कारण हमारे कार्यकर्ता और पार्टी संघर्ष होता है। पार्टियां कमेंट्स भी करती रहती हैं, सत्तारूढ़ दल के बारे में कमी बताती रहती है, वो तो होता ही है, होना भी चाहिए।

जनता के दिमाग में था पिछली बार सरकार बदलने की गलती कर दी

गहलोत बोले- लेकिन राजस्थान की जनता के दिमाग में था कि पिछली बार हमने सरकार बदलने की गलती कर दी। इसीलिए इस बार पहले ही हवा बन गई थी कि सरकार आनी चाहिए और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनना चाहिए, पब्लिक की आवाज थी। खलक की आवाज खुदा की आवाज होती है, वही आवाज थी। इस बार न तो पब्लिक में नाराजगी है, ना सरकार में नाराजगी है, न कर्मचारियों में नाराजगी है, न मोदी जी की वो हवा है, जो उन्होंने पहले एक बार तो बना ली। मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार पब्लिक मेरा साथ देगी।

चाहे मोदी पड़ाव डालें, नड्डा और भागवत आएं जनता उन्हें स्वीकार नहीं करेगी

गहलोत ने कहा- अब किसी कॉर्नर से कोई भी गलत-सलत बात आए कि कांग्रेस सरकार दोबारा नहीं बननी चाहिए। चाहे मोदी जी यहां पर पड़ाव डालें। पता नहीं मेरी अंतर्आत्मा क्यों कहती है कि चाहे हमारी किसी तरह की विपक्ष कमियां बताए, जनता उनको स्वीकार करने वाली नहीं है। अभी से मुझे लग रहा है क्योंकि नड्डा यहां आ रहे हैं और जो माहौल बन रहा है कि आरएसएस के मोहन भागवत उनके नंबर 2 यहां पर आ रहे हैं।  वो चाहते हैं कि राजस्थान और अशोक गहलोत टारगेट हो।

बीजेपी के लोगों ने हॉर्स ट्रेडिंग में मास्टरी कर रखी है

गहलोत बोले- क्योंकि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा और छोटे मोटे राज्यों में, गुजरात में भी हॉर्स ट्रेडिंग की गई।  बीजेपी के लोगों ने हॉर्स ट्रेडिंग की मास्टरी कर रखी है।  ये सरकारें गिरा देते हैं।  लेकिन राजस्थान में इनकी पोल पट्टी चल नहीं पाई। मैं प्रदेशवासियों और मेरे विधायकों को बार-बार इसलिए बधाई और धन्यवाद देता हूं , क्योंकि अगर वो मेरा साथ नहीं देते , तो आज मेरी सरकार टिकती नहीं, आज मैं मुख्यमंत्री के रूप में आपके सामने खड़ा नहीं होता। जो मेरे दिल में भावना थी और जो मैंने फैसले किए उससे मैं वंचित हो जाता। हेल्थ, ओपीएस लागू ही नहीं हो पाते। मुझे चांस लगातार मिला, मेरी सरकार टिकी इसलिए ये सब फैसले हो रहे हैं। जो बेनिफिशियरी हैं, उन सबको प्रदेशवासियों और विधायकों का ऐहसान मानना चाहिए कि उन्होंने मेरी सरकार बचाई है।  सरकार बचती नहीं, तो मैं ये फैसले कैसे करता।

सब मिलकर मैदान में उतरेंगे तो मिशन 156 लागू होगा

सीएम ने कहा-इस बार पार्टी में भी अंतिम वक्त तक एकता रहेगी ऐसी उम्मीद है। सब लोग समझ जाएंगे कि जनता का मूड क्या है। सब मिलकर मैदान में उतरेंगे, तो मिशन 156 लागू होगा और उसमें हम कामयाब होंगे, मुझे यकीन है, आने वाले वक्त में ईश्वर बताएगा क्या होगा, लेकिन पब्लिक में इस बार 4 साल के बाद में भी सरकार विरोधी कोई लहर नहीं है। लोग मुख्यमंत्री को बहुत भला आदमी कहते हैं, कितना भला है वो तो आप जानते हो।  भला आदमी मतलब जनता कहती है इसने हमारा ध्यान रखा। कोरोना पीरियड में ध्यान रखा। सुख दुख में ध्यान रखा।

मैं राजनीति नहीं, सेवा की राजनीति करता हूं

राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले गहलोत बोले- राजनीति मुझे आती ही नहीं है। मैं राजनीति नहीं करता, सेवा की राजनीति करता हूं और मेरा काम चल जाता है। सेवा की राजनीति सबसे बड़ी राजनीति होती है। गांधीजी ने कहा था राजनीति का आधार रचनात्मक होना चाहिए। मेरी राजनीति भी पूरी तरह रचनात्मक कामों पर टिकी हुई है और उसमें मैं कामयाब हुआ हूँ।

पागलपन की हद तक राजनीति, 24X7 राजनीति करता हूं

सियासत के जानकार कहते हैं कि अशोक गहलोत से बड़े कोई राजनेता ही नहीं है वो 24 घंटे राजनीति करते हैं। सवाल पर गहलोत बोले- कई लोग राजनीति 24 X 7 ही करते हैं, मैं भी उनमें से एक हूं। क्योंकि राजनीति या कोई काम करो, दिल लगाकर करना चाहिए। जब तक आप पागलपन की हद तक राजनीति नहीं करो, पागलपन की हद तक अपना काम धन्धा नहीं करो, व्यापार या उद्योग या पत्रकारिता नहीं करो, तब तक कामयाब नहीं हो सकते हो, इसलिए उसके लिए पागल बनना पड़ता है।

हाथ से हाथ जोड़ो पैदल यात्रा ऑल इंडिया प्रोग्राम, मेरी तबीयत खराब

गहलोत ने कहा- राहुल गांधी के नेतृत्व में हाथ से हाथ जोड़ो ऑल इंडिया प्रोग्राम है।  उसी रूप में सभी को निकलना चाहिए। मेरे दो दिन से ड्रिप चल रही है। वायरल और सर्दी जुकाम ज्यादा हो गया। आज मैं चौपड़ पर भी इसलिए नहीं जा पाया। आप मीडियाकर्मियों से प्रेम की वजह से मुझे रुकना पड़ा और दो टिप्पे लगाने पड़े।

प्राइवेट सेक्टर को खुश करने के लिए राइट टू हेल्थ का विरोध

बीजेपी राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रही है सवाल पर गहलोत बोले- वो प्राइवेट सेक्टर को खुश करने के लिए ऐसा कर रही होगी, लेकिन हम भी चाहेंगे कि प्राइवेट सेक्टर को भी विश्वास में लें।  अल्टीमेटली प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर मिलकर ही सेवा का संकल्प पूरा कर सकते हैं। सरकार उनके खिलाफ नहीं है। उनकी वाजिब सुझावों को भी हम स्वीकार करें। राइट टू हेल्थ कानून बनना एक बात है, कानून लागू होना दूसरी बात है। तीन काले कानून किसानों के आए थे, वो लागू नहीं हो पाए, हम कोई काम ऐसा नहीं करना चाहते हैं। यह हमारी कोई ऐसी प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है कि बिल लाए  हैं, तो उसे जनता पर थोप दें। सबको साथ लेकर और सबकी सलाह से हम चलेंगे, तभी वो कानून बन पाएगा और लागू हो पाएगा, यह हमारी खुदकी मंशा है। प्राइवेट सेक्टर से भी अपील करना चाहूंगा कि गुड गवर्नेंस के लिए आगे आकर साथ दें।

राजस्थान में विपक्ष को बार-बार ऊपर से डांट

गहलोत ने कहा-राजस्थान में विपक्ष बौखलाया हुआ है। उनको बार-बार ऊपर से डांट पड़ती है कि तुम कर क्या रहे हो। चार साल निकम्मापन तुमने क्यों दिखाया, इसका जवाब उनका केंद्रीय नेतृत्व पूछ रहा है। इसलिए बार-बार नड्डा साहब को आने की जरूरत पड़ती है।

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

सीएम गहलोत ने कहा- मैं गणतंत्र दिवस की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देता हूँ। यह शुभ दिन है, लेकिन यह हम सबको गुलामी और सामंतशाही की याद भी दिलाता है, जिससे छुटकारा मिला। उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। गांधी जी के सान्निध्य में संघर्ष किया गया। जिसें पंडित नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद सहित कई लोगों ने संघर्ष किया। फिर अम्बेडकर साहब ने संविधान बनाया।

देश में तनाव और हिंसा का माहौल चिंता का विषय

गहलोत ने कहा-अभी एक चिन्ता का विषय बना हुआ है। देश में तनाव और हिंसा का माहौल है। अमीरी गरीबी के बीच खाई बढ़ती जा रही है। महंगाई और बेरोजगारी है। आज शुभ दिन पर भी बोलना पड़ता है, क्योंकि ये मुद्दे ऐसे बर्निंग हैं इस पर सरकार का ध्यान जाना जरूरी है। चाहे वो राज्यों की सरकारें हों या केंद्र की हों। हम सब मिलकर कैसे इन मुद्दों का हल कर सकते हैं। देश और प्रदेशवासियों को भी संज्ञान लेना चाहिए कि राहुल गांधी को इतनी टफ यात्रा क्यों करनी पड़ी ? क्योंकि भारत सरकार पर कुछ दबाव पड़ेगा, तो जनता का कुछ भला होगा, ये सोचकर उनका संकल्प था। जो 30 जनवरी को गांधीजी की पुण्यतिथि पर सम्पन्न होने जा रहा है।

राजस्थान में 2019 से बुलडोजर चल रहे, लेकिन यूपी की चर्चा

मीडिया से बातचीत में गहलोत का दर्द भी फूटा। उन्होंने कहा- राजस्थान में 2019 से बुलडोजर चल रहे हैं, जेडीए से फिगर लिए हैं, एक आर्टिकल भी आया है कि 80 जगह बुलडोजर चले हैं, उसकी कोई चर्चा नहीं।  लेकिन जब धर्म के नाम पर यूपी में बुलडोजर चलता है तो पूरे देश में चर्चा होती है। ये स्थिति अच्छी नहीं है। किसी भी पार्टी की सरकार वाला राज्य हो। मीडिया का पहला धर्म होना चाहिए कि वह ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ न्याय करे।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने फहराया राष्ट्र ध्वज

जयपुर के सवाई मानसिंह  स्टेडियम में गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित हुआ। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड निरीक्षण कर सलामी ली। कुल 16 टुकड़ियों ने परेड में हिस्सा लिया। सीएम अशोक गहलोत, विधानसभाध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, बीसूका उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान समारोह में मौजूद रहे।  समारोह में उड़ीसा, हरियाणा, गुजरात, असम और राजस्थान के लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं। पुलिस घुड़सवार टीम ने करतब दिखाए। सेंट्रल बैंड पुलिस ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दीं।

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