जयपुर : सभी जिलों में बनने वाली कोचिंग मॉनीटरिंग कमेटी में पुलिस-प्रशासन के साथ अभिभावकों और डॉक्टर को भी शामिल किया जाएगा। विद्यार्थियों की शिकायत के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा, जिसकी निगरानी मुख्यमंत्री लेवल पर की जाएगी। शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक आपसी प्रतियोगिता और शैक्षणिक दबाव के कारण विद्यार्थी काफी तनाव झेलते हैं।
टेस्ट का रिजल्ट नहीं कर सकेंगे जारी
अब कोचिंग इंस्टिट्यूट विद्यार्थियों के टेस्ट का रिजल्ट जारी नहीं कर सकेंगे, क्योंकि क्लास टेस्ट में नम्बर कम आने पर विद्यार्थी तनाव में आ जाते हैं। कई बार इस कारण वो गलत कदम उठा लेते हैं। कोई छात्र मानसिक रूप से परेशान या तनाव में हो सकता है। कोचिंग संस्थान और हॉस्टल में ऐसे विद्यार्थियों के लिए मनोविशेषज्ञ की व्यवस्था भी करनी होगी।
स्टूडेंट्स की समस्याओं के लिए जारी होगा हेल्पलाइन नंबर
कोचिंग इंस्टीट्यूट में स्टूडेंट्स की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने और तनाव को कम करने संबंधी निर्देशों का पालन कर रहे हैं या फिर नहीं कर रहे इस पर निगरानी रखने का काम एक राज्यस्तरीय कमेटी भी करेगी। राज्य स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग के सचिव होंगे। कमेटी में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, स्कूल शिक्षा की ओर से नॉमिनेट प्रतिनिधि, स्वायत्त शासन सचिव की ओर से नॉमिनेटेड प्रतिनिधि, प्रमुख सचिव मेडिकल एंड हेल्थ के नॉमिनेटेड प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जयपुर संभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
ज्वाइंट सेक्रेटरी शिक्षा विभाग की ओर से जयपुर संभाग में राजस्थान सरकार की कोचिंग गाइडलाइन लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके तहत अब संभाग के सभी जिलों में जिला स्तर पर कमेटी का गठन कर स्टूडेंट्स के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे, ताकि स्टूडेंट्स के साथ अभिभावक भी अपनी समस्या शासन और प्रशासन तक पहुंचा सकें। इसके साथ ही सरकारी गाइडलाइन को लागू करने के लिए भी जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
कोचिंग छोड़ने पर स्टूडेंट को लौटानी होगी फीस
किसी कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद अगर कोई स्टूडेंट वहां से निकलना चाहेगा, तो कोचिंग इंस्टीट्यूट को उसे शेष अवधि की जमा फीस 10 दिन में लौटानी होगी। अगर स्टूडेंट मेस का खाना नहीं खाना चाहता है, तो तो मेस फीस भी लौटानी होगी। स्टूडेंट्स को आईआईटी और मेडिकल इंस्टीट्यूट की प्रवेश परीक्षाओं में सफल न होने की स्थिति में दूसरे करिअर ऑप्शन के बारे में बताया जाएगा और काउंसलिंग की जाएगी। कोचिंग इंस्टीट्यूट को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक की शिकायत का तुरंत समाधान निकल सके।
गैरहाजिर छात्र के अभिभावक को देनी होगी सूचना
अगर कोई स्टूडेंट बिना सूचना दिए तीन दिन गैर हाजिर रहेगा, तो उसके अभिभावक से सम्पर्क कर अनुपस्थित रहने का कारण कोचिंग संस्थानों को पता करना होगा। ऑनलाइन क्लास में शामिल होने वाले विद्यार्थी का भी पूरा रिकॉर्ड व्यवस्थित रखना होगा। कोचिंग सेंटर में एक ई-लर्निंग सेंटर भी बनाना होगा, जिसमें इंटरनेट और कम्प्यूटर फैसिलिटी होगी। कोई स्टूडेंट किसी लेक्चर को अटैंड नहीं कर सका, तो ई-लेक्चर की मदद से पढ़ सकेगा।