कोटा : नए साल पर बड़ी सौगात, चंबल नदी पर बनेगा राजस्थान का सबसे लंबा पुल, निर्माण को मिली स्वीकृति

कोटा : नया साल हाड़ौती के लिए एक नहीं कई बड़ी खुशियां और सौगात लेकर आया है। एक के बाद एक क्रम से हाड़ौती को लगातार नई सौगात मिल रही हैं। अब कोटा के खतौली के नजदीक झरेल के बालाजी पर कैथूदा गांव के समीप चंबल नदी पर एक उच्च स्तरीय ब्रिज के निर्माण को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिल गई है। यह राजस्थान प्रदेश का सबसे लंबा पुल होगा। सीएम अशोक गहलोत ने 2021 के बजट में इस पुल के निर्माण को स्वीकृत किया था। यह क्षेत्र घड़ियाल सेंचुरी में आने के कारण तब से ही पुल के निर्माण की फाइल केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में अटकी हुई थी।

क्षेत्र वासियों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस मामले को सुलझाने का आग्रह किया। इस पर उन्होंने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से इस मसले पर बातचीत की। एलएस बिरला के प्रयासों के चलते केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पुल के निर्माण को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

1880 मीटर लंबा होगा पुल
बजट घोषणा के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसकी तैयारी दो साल पहले ही शुरू कर दी थी। इसकी डीपीआर पहले से ही जारी 30 के बजट से तैयार की जा चुकी है। इसके अनुसार यह पुल 1880 मीटर लंबा होगा। बजट में इसके लिए 165 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

सवाई माधोपुर और कोटा की तरफ बनाई जाएगी अप्रोच रोड
पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता के अनुसार यह प्रेस्ट्रेस्ट कंक्रीट गर्डर ब्रिज होगा, जिसमें चार गर्डर हैं, जबकि इसी चंबल नदी बने गैंता-मखीदा में तीन गर्डर वाला पुल बनाया गया है। इस उच्च स्तरीय पुल की चौड़ाई 12 मीटर होगी। जिसमें साढ़े सात मीटर का कैरीज-वे होगा। इस पुल के निर्माण में 280 मीटर की अप्रोच सड़क सवाई माधोपुर की तरफ ही बनाई जाएगी। इसके अलावा कोटा की तरफ 486 मीटर की अप्रोच रोड बनाई जाएगी, जिसमें दो छोटे-छोटे माइनर पुल भी बनाए जाएंगे।

इस तरह तैयार किया जाएगा पुल
पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता के अनुसार इस पुल के निर्माण में 48 पिलर खड़े किए जाएंगे, जिसमें दोनों तरफ दो एबेटमेंट भी होंगे। ये कोटा और सवाई माधोपुर की तरफ पुल की शुरुआत में बनेंगे। इन 48 पिलर पर 47 स्पान होंगे, हर पिलर के बीच 40 मीटर लंबे स्पान रखे जाएंगे। पांच ओपन पिलर चट्टान पर बनाए जाएंगे और सात वेल फाउंडेशन पिलर होंगे। इनके अलावा 36 पाइल फाउंडेशन पिलर होंगे, जो मिट्टी और चट्टानों पर बनाए जाते हैं, जिनमें दो एबेटमेंट भी शामिल हैं।

Web sitesi için Hava Tahmini widget