झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में कोई डेढ़ साल की बच्ची का गला रस्सी से बांध उसे प्लास्टिक की बोरी में डालकर पहाडिय़ों के बीच सात फीट गहरी खाई में फेंक गया। मगर… जाको राखे साइयां, मार सके न कोय! पास में ही भेड़-बकरियां चरा रहे ग्वाले ने बच्ची की रोने की आवाज सुनी तो भागा भागा पहुंचा मगर बच्ची को निकालने में असफल रहा तो राहगीरों को रोका। सेवली सुखपुरा से आ रहे राहगीर कार सवार सांगानेर जयपुर निवासी नंदलाल यादव, कमलेशी कुमावत, चंदा देवी और भास्कर ने बुजुर्ग के साथ बच्ची को खाई से निकाला। बोरी में बंद डेढ साल की बच्ची का गला रस्सी से बंधा था।
कार सवार बच्ची को अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने जांच की और बच्ची की एक आंख में ट्यूमर की आशंका जताई। घटना सीकर जिले में शाकंभरी रोड से सेवली सुखपुरा जाने वाले रास्ते की है। बच्ची को बचाने वाले कार सवार रिश्तेदारी में मौत होने पर खेतड़ी जा रहे थे। रास्ते में बच्ची मिलने पर पहले उदयपुरवाटी पुलिस थाने, बाद में अस्पताल और उसके बाद खंडेला थाने बच्ची को लेकर गए।
थोड़ी देर हो जाती तो जा सकती थी बच्ची की जानबच्ची को किसने फेंका? क्यों फेंका? इसका पता नहीं चल पाया। माना जा रहा है कि बच्ची से छुटकारा पाने के लिए किसी ने सुनसान पहाड़ी क्षेत्र की खाई में बच्ची को प्लास्टिक के कट्टे में बांध डाल दिया।
दो बेटियों की मां बच्ची को पालने को तैयारबच्ची को बचाकर अपनी कार में लेकर आने वाली सांगानेर निवासी कमलेशी कुमावत ने कहा कि वह बच्ची को पालने के लिए तैयार है। उसके पहले से दो बेटियां है। कमलेशी बच्ची को गोद में लेकर उसे दूध, पानी, बिस्कुट खिलाते हुए लाड दुलार करती रही।
खंडेला पुलिस को किया सुपुर्द
यूथ कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष रामकरण सैनी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पर पुलिस अस्पताल पहुंची और बच्ची को बचाकर लाने वाले लोगों से मामले की पूरी जानकारी ली और मौका मुआयना भी किया। घटना स्थल खंडेला पुलिस थाने क्षेत्र के अधीन होनेे पर बच्ची को खंडेला पुलिस के हवाले कर दिया गया।