अजमेर : लड़कियों को ये App बताएगा कौन सा रास्ता बदमाशों से सुरक्षित, ऐसे डाउनलोड कर सकेंगे एप

अजमेर : अजमेर जिले में सोफिया कॉलेज की भूगोल प्रोफेसर मोनिका कनन ने एक एप लांच किया है। इस एप में अब तक हुए क्राइम का डेटा डाला गया है। इसी के जरिए ये महिलाओं को सुरक्षित रास्ता सुझाता है। इस एप का नाम सतर्क रखा गया है। सबसे सुरक्षित रास्ता हरे रंग में दिखता है। वहीं, कुछ कम सुरक्षित नीले रंग में, कम सुरक्षित गुलाबी रंग में और सबसे असुक्षित रास्ता लाल रंग में दिखाई देता है।

इस ऐप में एक पैनिक बटन भी दिया गया है, जो मुसीबत के समय इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बटन को दबाते ही महिला के परिजनों के पास मैसेज पहुंच जाएगा। प्रोफेसर मोनिका कनन ने पुलिस के सहयोग से डेटा प्राप्त कर इसे दो साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया। मोनिका कनन ने बताया, महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहा था। महिलाओं को सेफ करने के लिए यह आइडिया आया। भारत सरकार की ओर से मेजर रिसोर्स प्रोजेक्ट के लिए फंड दिया गया था। उसका यह आउटपुट है, अभी इसे अजमेर सिटी के लिए तैयार किया गया है।

पुलिस का सहयोग मिला तो काम शुरू
कनन ने बताया, इसे तैयार करने की पहली जरूरत अपराध और थाना क्षेत्रों का डेटा लेना था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्र दीप से संपर्क किया और नौ थानों का क्राइम रिकॉर्ड मांगा। पहले मना किया, लेकिन बाद में रिसर्च का हवाला दिया और वे मान गए। साल 2019 में एसपी ने संबंधित थानों को आदेश जारी किए। इसके बाद इस पर काम शुरू किया। कनन ने बताया, इसके बाद हर थाने में जाकर रिकॉर्ड लिया। जीआईएस (जियोग्राफिकल इन्फोरमेशन सिस्टम) तैयार किया। इसके बाद मैप तैयार किया गया। दिल्ली बेस कंपनी से सॉफ्टवेयर बनाया। इसके लिए सुनील तिवारी को अपॉइंट किया गया। मैपिंग करने में करीब छह महीने लगे। फिर काम को पूरा करने में करीब दो साल का समय लगा। मैप में थाना क्षेत्रों में जिन स्थानों पर क्राइम हुआ, उनको मार्क किया। इससे हॉट स्पॉट और कोल्ड स्पॉट तय हो गए।

भूगोल प्रोफेसर मोनिका कनन

भूगोल प्रोफेसर मोनिका कनन
ऐसे डाउनलोड होगा एप
आप प्ले स्टोर पर जाकर SATARK सर्च कर मोबाइल में इंस्टॉल करना होगा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसमें फोन नंबर, खुद का नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होगा। इसमें फेमिली मेंबर की डिटेल अलर्ट करने के लिए डालनी होगी। लॉगिन करने पर एंटर डेस्टीनेशन आएगा। उसमें जहां जाना है, उस जगह को सलेक्ट कर लें। सर्च करने पर नेविगेशन की तरह रूट ऑप्शन आएंगे। जो आपको सेफ, अनसेफ रूट बताएगा। इसमें से रूट सेफ का सिलेक्शन कर अपने तय स्थान पर पहुंचा जा सकता है।

पहले दिन ही 1700 लड़कियों ने किया डाउनलोड
सोमवार को सोफिया कॉलेज में एप लांचिंग कार्यक्रम हुआ। इस दौरान कॉलेज की कोरिडोर में करीब 1700 लड़कियों ने एप डाउनलोड किया। प्रिंसिपल सिस्टर पर्ल ने बताया, एप गर्ल्स के लिए फायदेमंद होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एएसपी प्रीती चौधरी रहीं।

कॉलिंग और पुलिस, अगला टारगेट
कनन ने बताया, फिलहाल एप में परिजन के पास मैसैज भेजने का ऑप्शन है। आगामी दिनों में इसमें कॉलिंग का ऑप्शन करने की प्लानिंग भी है। साथ ही अगर पुलिस सहयोग करेगी तो कॉल और मैसेज पास के संबंधित थाने को भी मिलेगा। इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे।

यूजफुल साबित होगा एप
नाकामदार निवासी शुभिका ने बताया, एप महिलाओं-बालिकाओं के लिए यूजफुल साबित होगा। इससे जब भी कोई प्रॉब्लम में होंगे तो परिजनों को भी पेनिक बटन दबाकर सूचित कर देंगे। हमने डाउनलोड कर लिया है और अन्य महिलाओं को भी डाउनलोड करना चाहिए।

कौन हैं मोनिका कनन
प्रोफेसर मोनिक कनन वर्तमान में सोफिया कॉलेज में भूगोल विभागाध्यक्ष पद पर साल 2008 कार्यरत हैं। इससे पहले जयपुर के आईआईएस यूनिवर्सिटी में कार्यरत थीं। कनन क्राइम मैपिंग में आईसीएसएसआर न्यू देहली का मेजर प्रोजेक्ट कर चुकी हैं। वर्तमान में सहकारिता विभाग भारत सरकार के मेजर प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। कनन के 70 शोध पत्रिकाएं और आठ पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। वे इसरो से जीआईएस और रिमोट सेंसिंग से ट्रेड हैं। साथ ही अजमेर में क्राइम के हॉट-स्पॉट पर स्टडी कर चुकी हैं।

Web sitesi için Hava Tahmini widget