उदयपुर : राजस्थान में झीलों की नगरी उदयपुर में जी-20 शेरपा सम्मेलन का रविवार को शुभारंभ हुआ, जिसके बाद 5 दिसंबर से बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। जी-20 शेरपा बैठक का पहला सत्र सोमवार सुबह 8 बजे शुरू हुआ, जिसे भारतीय सरकार के शेरपा अमिताभ कांत ने संबोधित किया।
वहीं, इस दौरान बैठक में मौजूद सभी प्रतिनिधियों को कुल्हड़ चाय परोसी गई। अपने संबोधन में अमिताभ कांत ने कहा, दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों पर भारत के पास विश्व को आगे लेकर जाने का एक बड़ा अवसर है। जहां हम विश्व को आर्थिक चुनौतियों से लड़ने का तरीका बताएंगे। वहीं जी-20 के लोगों को लेकर कांत ने कहा, भारतीय ध्वज के चार रंगों केसरिया, सफेद, हरा और नीले से प्रेरणा ली गई है।
A sundowner to remember!🌅
After intense deliberations, #G20 Sherpas had an informal interaction over cups of warm chai, making the most of a truly Indian experience. #ChaiParCharcha overlooking the sunset on the stunning Lake Pichola. Snapshots from the interaction 📸 #G20India pic.twitter.com/tDanAgl824
— G20 Brasil (@g20org) December 5, 2022
वहीं कमल का फूल ‘चुनौतियों के बीच विकास’ को दिखाता है। इससे पहले जी-20 के 20 देशों और अन्य नौ देशों के शेरपा का आगमन होने पर उनका एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया था। वहीं शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, उदयपुर भारत का सबसे शानदार पर्यटन स्थल है और इसके साथ ही जी-20 के माध्यम से भी भारत के पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। उदयपुर को इसलिए चुना गया, क्योंकि सरकार इसे ग्लोबल टूरिजम डेस्टिनेशन बनाना चाहती है।
विश्व को आगे ले जाने का भारत के पास मौका…
कांत ने बैठक के दौरान कहा, जी-20 दुनिया के बड़े भाग का प्रतिनिधित्व करता है और दुनिया की 85 प्रतिशत जीडीपी, 78 प्रतिशत ग्लोबल ट्रेड और 90 प्रतिशत पेटेंट इन्हीं देशों के पास है, जहां इस बैठक में हम प्रतिनिधि तकनीकी परिवर्तन, हरित विकास के अलावा महिलाओं के नेतृत्व वाले कामों के कार्यान्वयन में तेजी लाने और समावेशी व लचीले विकास को सुविधाजनक बनाने के संबंध में अपने विचार रख चुके हैं। उन्होंने आगे दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, आज भारत के पास विश्व को आगे लेकर जाने का एक बड़ा अवसर है। जहां हम विश्व को आर्थिक चुनौतियों से लड़ने का तरीका बताएंगे। इसके अलावा उन्होंने वूमेन लेड डेवेलपमेंट, डिजिटल पब्लिक गुड्स और एसडीजी लक्ष्यों को हासिल से जुड़े विषयों पर अपनी बात रखी।
#G20 Delegates will experience Rajasthan in traditional Indian jackets, Rajasthani turbans and stoles at Manek Chowk, largest man-made courtyard in Rajasthan
Manek Chowk is a commendable engineering marvel of the 17th century. #G20India pic.twitter.com/nWj0FVrvlO
— G20 Brasil (@g20org) December 5, 2022
गहन चर्चा के बाद तय होगा एजेंडा…
मालूम हो कि भारत के पास जी-20 की अध्यक्षता 30 नवंबर 2023 तक रहेगी, जहां करीब 200 बैठकों का आयोजन किया जाएगा। वहीं, उदयपुर में हो रही बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी और अन्य बैठकों के बाद एजेंडा तय कर नवंबर में होने वाले शिखर सम्मेलन में सुझावों के आधार पर बदलाव होगा।
राजस्थान के उदयपुर जिले में रविवार से जी-20 समिट शेरपा बैठक शुरू हो गई है। बैठक में भाग लेने आए देश-विदेश के महमानों का जोधपुर एयरपोर्ट में राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया गया। जी20 अध्यक्षता के तहत आयोजित पहली शेरपा बैठक में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारत कई वर्षों तक 9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम है। 2030 के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए लगातार बढ़ती जीडीपी विकास दर दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।
राजस्थान: G20 प्रतिनिधियों ने उदयपुर में भारत की G20 अध्यक्षता की पहली शेरपा बैठक में पारंपरिक भारतीय जैकेट और पगड़ी में राजस्थान का अनुभव लिया। pic.twitter.com/xM3ZXSn6Eh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2022
सान्याल उन्होंने ने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2,200 अमेरिकी डॉलर है। यह कई वर्षों की उच्च विकास दर के बाद हासिल की गई है। विशेष रूप से ग्लोबल साउथ को एसडीजी हासिल करने के लिए जीडीपी विकास दर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसके बिना हम जो कुछ भी कर रहे हैं वह गरीबी का पुनर्वितरण होगा। सान्याल ‘जीवन बदलना, एसडीजी के कार्यान्वयन में तेजी लाना’ विषय पर संबोधित कर रहे थे।
बैठक के बाद विभिन्न देशों के शेरपा, राजदूत और वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित राजस्थानी लोक संगीत संध्या का आनंद उठाया। होटल लीला के शीशमहल में मेहमानों के लिए डेजर्ट सिंफनी की खास प्रस्तुति विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकारों द्वारा दी गई। इस दौरान पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों का मेहमानों ने खूब आनंद लिया।
पश्चिमी राजस्थान के लंगा मांगणियार समूह की सिंधी सारंगी पर अनूठे संगीत प्रस्तुती ने सभी का मन मोह लिया। गाजी खान के नेतृत्व में दुर्लभ वाद्य संगीत नाद और राजस्थान के प्रसिद्ध स्वागत गीत केसरिया बालम ने शाम को खुशनुमा बना दिया। इसके अलावा अन्य कलाकारों ने अलगोजा डबल बांसुरी, कॉर्डोफोनिक वाद्दयंत्र, सुरिंडा हारमोनियम, खड़ताल, ढोलक तंदूरा, मोरचंग और मटका पर भी लोक धुनों की प्रस्तुति दी गई।
पहली बार हम अपना एजेंडा तय कर रहा है : कांत
जी-20 को लेकर पहली चर्चा में शामिल होते हुए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, हम ऐसे समय में समूह की अध्यक्षता संभाल रहे हैं, जब दुनिया राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। यूरोप में भू-राजनीतिक संकट, सप्लाई चेन का टूटना, जलवायु कार्रवाई का संकट, गरीबी, महंगाई, वैश्विक विकास में मंदी जैसी चुनौतियां हैं। हम मानते हैं कि हर संकट एक अवसर है। अब तक हमें विकसित दुनिया से एजेंडा मिलता रहा है, यह पहली बार है जब हम अपना एजेंडा तय कर रहे हैं और हम बताएंगे कि हम लोकतंत्र की जननी हैं।
यूएन, ओईसीडी के शेरपाओं से मिले कांत :
भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने संयुक्त राष्ट्र शेरपा अवर सचिव ली जुनहुआ और आर्थिक सहयोग व विकास संगठन (ओईसीडी) शेरपा एंड्रियास शाल से मुलाकात की। द्विपक्षीय बैठकों के दौरान कांत ने दक्षिण एशियाई देशों के मुद्दों को प्रमुखता देने की जरूरत बताने के साथ ही जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर अगले एक साल में भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया।
जापान ने कहा, भारत से काफी उम्मीदें
पहली जी20 शेरपा बैठक में जापान के विदेश मामलों के वरिष्ठ उप मंत्री केइची ओएनओ ने कहा कि हमें भारतीय अध्यक्ष पद से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि भारत का जी 20 सदस्यों के साथ बहुत अच्छा संबंध है। भारत ने 2023 जी20 शिखर बैठक के लिए महत्वाकांक्षी एजेंडा दिखाया है।
पारंपरिक वेशभूषा में स्वागत
इससे पहले महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर मेहमानों का स्वागत मारवाड़ की पारंपरिक वेशभूषा में बीकानेर के रौबिले और महिला लोक कलाकारों ने किया। इस दौरान राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग भी की गई। बता दें कि 4 से 7 दिसंबर तक जी-20 समिट शेरपा बैठक का आयोजन किया जा रहा है।
भारत के पास जी-20 की अध्यक्षता…
G-20 या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G-20) दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरसरकारी मंच है और इस बार भारत इसका अध्यक्ष बना है। अगले साल नवंबर महीने में भारत में जी-20 का महासम्मेलन होगा, जिसमें जी-20 में शामिल तमाम देशों के नेता भारत आएंगे। वहीं, अगले एक साल तक भारत, भारत में 32 कार्यक्षेत्रों में 50 अलग-अलग जगहों पर 200 से ज्यादा बैठकों की मेजबानी करेगा। इस दौरान भारत के पास पूरी दुनिया के सामने अपनी भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश करने और अलग-अलग देशों के प्रतिनिधियों के सामने अद्वितीय भारतीय अनुभव प्रदान करने का अवसर रहेगा। वहीं, भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने को अमिताभ कांत ने भारत के लिए एक अवसर बताया है और कहा है कि इस दौरान भारत सरकार सकारात्मक और दूरदर्शी होने का हर संभव प्रयास करेगी।
As PM @narendramodi has highlighted, we must work to solve some of most pressing challenges of the world, together. We must focus on those whose need is the greatest. Highlighted that #G20India Presidency would be about hope, harmony, healing & advocating the oneness of all. pic.twitter.com/R7YCJRVuhU
— Amitabh Kant (@amitabhk87) December 5, 2022
बैठक को लेकर क्या बोला जर्मनी…
इंडोनेशिया के बाली में हाल ही में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा निभाई गई रचनात्मक भूमिका की सराहना करते हुए जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने जी-20 सम्मेलन को लेकर काफी अहम बयान दिया है। उन्होंने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर भारत की अपनी स्थिति स्पष्ट करने को लेकर नई दिल्ली को श्रेय दिया है। जर्मनी की विदेश मंत्री ने नई दिल्ली की अपनी यात्रा से पहले यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बीच नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन और रूस और चीन के साथ भारत के संबंधों पर सहयोग पर चर्चा करेंगी, इसकी जानकारी दी। उन्होंने भारत के दौरे को लेकर कहा कि भारत का दौरा करने का मतलब होता है, कि आप दुनिया के एक छठे हिस्से का दौरा कर रही हैं। अगले साल की शुरूआत में भारत आबादी के लिहाज से दुनिया का नंबर-1 देश बन जाएगा और भारत चीन को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है, कि 21वीं सदी में और इंडो-पैसिफिकि में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में भारत का निर्णायक प्रभाव होगा।
चार दिनों तक चलेगा सम्मेलन…
आपको बता दें कि, उदयपुर में शुरू होने वाला जी-20 शेरपा सम्मेलन चार दिनों तक चलेगा और इसमें ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। वहीं इस बैठक के दौरान महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी बातचीत के लिए मंच तैयार किा जाएगा। G-20 या 20 का समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।