The Kashmir Files Controversy: ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर नया विवाद शुरू हो गया है. ये विवाद IFFI इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया से शुरू हुआ, जब जूरी हेड ने फिल्म की निंदा की. उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को एक प्रोपेगेंडा और वल्गर फिल्म करार दिया है. IFFI के जूरी हेड और इजरायली फिल्ममेकर नादव लैपिड ने ये बात गोवा में आयोजित फिल्म फेस्टिवल समारोह के समापन पर कही. उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्म को इतने प्रतिष्ठित समारोह में दिखाए जाने से वो परेशान और हैरान रह गए.
जूरी हेड का यह बयान सोशल मीडिया में वायरल हो गया और कई लोग उनके इस बयान की निंदा कर रहे हैं तो कोई समर्थन कर रहा है. कांग्रेस सोशल मीडिया चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कश्मीर फाइल्स विवाद और IFFI जूरी हेड नादव लापिड की टिप्पणी का समर्थन किया है.
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “पीएम मोदी, उनकी सरकार, बीजेपी, आरडब्ल्यू इकोसिस्टम ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को खूब बढ़ावा दिया. एक ऐसी फिल्म है जिसे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया ने अस्वीकार कर दिया. जूरी हेड नादव लापिड ने इसे ‘प्रोपेगैंडा, अश्लील फिल्म, फिल्म फेस्टिवल के लिए अनुपयुक्त’ बताया है. आखिरकार नफरत दूर हो जाती है.”
PM Modi, his govt, BJP, the RW ecosystem feverishly promoted ‘The Kashmir Files’
A movie rejected by International Film Festival Of India. Jury Head Nadav Lapid called it ‘propaganda, vulgar movie – inappropriate for the film festival’.
Hate gets called out, eventually pic.twitter.com/VJ5dFRKnaT
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 28, 2022
इसके बाद सोशल मीडिया पर नादव लैपिड को ट्रोल करना शुरू कर दिया गया. शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के एक संवेदनशील मुद्दे को प्रचार की वेदी पर बलिदान करार दिया. उन्होंने लिखा, “कश्मीरी पंडितों को अब भी इंसाफ का इंतजार है. वे अभी भी पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं, वे अब भी इस्लामवादियों के निशाने पर हैं, वे अभी भी जम्मू में विरोध कर रहे हैं, वे आज भी सामान्य स्थिति दिखाने के लिए कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं लेकिन उनकी समस्याओं को कौन सुन रहा है? भारत सरकार और गृह मंत्रालय तो नहीं सुन रहा.”
Kashmiri Pandits still await justice,
They still await rehabilitation,
They still targeted by Islamists
They still are protesting in Jammu
They are still posted in sensitive areas of Kashmir to show normalcy,
But who’s listening to their problems? Not the HM or GoI for sure.— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) November 28, 2022
“कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को चित्रित करना अश्लील नहीं”
फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी कश्मीर फाइल्स फिल्म के लिए पर IFFI जूरी हेड के बयान पर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने IFFI जूरी हेड से फौरन माफी मांगने की मांग की है.
अशोक पंडित ने लिखा है, “द कश्मीर फाइल्स फिल्म के लिए इस्तेमाल की गई भाषा पर मुझे कड़ी आपत्ति है. 3 लाख कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को चित्रित करना अश्लील नहीं कहा जा सकता. मैं एक कश्मीरी पंडित के रूप में इस बेशर्म बयान की निंदा करता हूं. नादव लैपिड ने हमारे जख्मों पर नमक छिड़का है. उसे अपने बयान के लिए फौरन माफी मांगनी चाहिए.”
https://twitter.com/ashokepandit/status/1597277011680329729?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1597277011680329729%7Ctwgr%5Ebb736c20b13e2d330b1354d3922547259df2ff57%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.abplive.com%2Fnews%2Findia%2Fkashmir-files-controversy-jury-head-calls-as-propaganda-congress-support-israeli-film-maker-2269804
‘सच की तुलना में झूठ का कद हमेशा छोटा होता है’
वीडियो के वायरल होने के बाद अनुपम खेर ने भी सोमवार रात एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने कुछ तस्वीरें पोस्ट की और इसके साथ लिखा, “झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों न हो…सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है.”
अनुपम खेर, विवेक अग्निहोत्री और दर्शन कुमार ने जताया कड़ा विरोध
बता दें इस मामले पर द कश्मीर फाइल्स फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर कहा था, ‘सच सबसे खतरनाक चीज है। यह लोगों को झूठ बुलवा सकता है।’
GM.
Truth is the most dangerous thing. It can make people lie. #CreativeConsciousness
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) November 29, 2022
लैपिड की विवादित टिप्पणी पर ख्यातनाम बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने भी कड़ा विरोध जताया। अनुपम खेर ने कहा, ‘यह सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है। फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म के लिए दुनियाभर के लगभग 500 लोगों का साक्षात्कार लिया। बढ़ती हिंसा के बाद 19 जनवरी, 1990 की रात पांच लाख कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में अपने घरों और यादों को छोड़ना पड़ा। एक कश्मीरी हिंदू के रूप में मैं त्रासदी के साथ रहता था। लेकिन कोई भी इस त्रासदी को पहचान नहीं रहा था। दुनिया इस त्रासदी को छिपाने की कोशिश कर रही थी।’
इस संबंध में अनुपम खेर ने एक ट्वीट भी किया। ट्वीट में उन्होंने जर्मनी द्वारा किए गए यहूदी नरसंहार पर आधारित फिल्म की कुछ तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘झूट का क़द कितना भी ऊँचा क्यों ना हो.. सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है..’
https://twitter.com/AnupamPKher/status/1597293128767385602?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1597293128767385602%7Ctwgr%5Ebb736c20b13e2d330b1354d3922547259df2ff57%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.abplive.com%2Fnews%2Findia%2Fkashmir-files-controversy-jury-head-calls-as-propaganda-congress-support-israeli-film-maker-2269804
उन्होंने लिखा कि टूलकिट गैंग फिर एक बार सक्रिय हो चुका है और यह सब पूरी तरह से प्री-प्लांड लगता है। खेर ने भगवान से लैपिड को सद्बुद्धि देने की भी प्रार्थना की।
फिल्म अभिनेता दर्शन कुमार ने भी लैपिड के बयान पर बोलते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय हो सकती है। परन्तु कश्मीर फाइल्स वास्तविकता पर आधारित है। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा और उनके नरसंहार के बारे में बताया गया है।
क्या है पूरा विवाद
IFFI के जूरी हेड का पूरा बयान
IFFI के जूरी हेड नादव लापिड ने समापन समारोह के दौरान फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘अश्लील’ और ‘अनुचित’ करार दिया. लापिड ने कहा, “हम सभी 15 सदस्य फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से परेशान और स्तब्ध थे. यह हमें एक प्रचार, अश्लील फिल्म की तरह लगा, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए अनुपयुक्त है. इस मंच पर आपके साथ इन भावनाओं को खुलकर साझा करने में मैं पूरी तरह से सहज महसूस कर रहा हूं. चूंकि, महोत्सव की भावना निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण चर्चा को भी स्वीकार कर सकती है, जो कला और जीवन के लिए आवश्यक है.”
लैपिड यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखकर आईएफएफआई परेशान है। हालांकि बाद में विवाद बढ़ने पर बाकी सभी ज्यूरी मेम्बर्स ने इसे लैपिड की निजी राय बताते हुए किनारा कर लिया था। जूरी के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इस मंच पर आपके साथ इन भावनाओं को खुलकर साझा करने में मैं पूरी तरह से सहज महसूस कर रहा हूं। चूंकि, महोत्सव की भावना निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण चर्चा को भी स्वीकार कर सकती है, जो कला और जीवन के लिए आवश्यक है।
किस बारे में है ‘द कश्मीर फाइल्स’
23 नवंबर को इस फिल्म के मुख्य अभिनेता अनुपम खेर ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में कहा था कि इसने दुनिया भर के लोगों को 1990 के दशक में कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ हुई त्रासदी के बारे में जागरूक होने में मदद की. उन्होंने कहा था, “यह सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है. फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म के लिए दुनियाभर के लगभग 500 लोगों से बात की. बढ़ती हिंसा के बाद 19 जनवरी, 1990 की रात पांच लाख कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में अपने घरों और यादों को छोड़ना पड़ा. एक कश्मीरी हिंदू के रूप में मैं त्रासदी के साथ रहता था लेकिन कोई भी इस त्रासदी को पहचान नहीं रहा था. दुनिया इस त्रासदी को छिपाने की कोशिश कर रही थी.”