झुंझुनूं : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि सरकार बहुत कमजोर हो गई है। लगातार परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। सरकार के कार्यकाल में पेपर माफिया हावी हो गए हैं। भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही पेपर लीक माफियों का सरगना बता दिया।
पूनिया ने कहा कि अब वन रक्षक भर्ती परीक्षा रद्द होना सरकार के मुंह पर तमाचा है और बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ है। प्रदेश के युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। कोई भी पेपर राजनीतिक संरक्षण के बिना लीक नहीं होता है। निश्चित रूप से राज्य सरकार का पेपर लीक में हाथ है।
‘गंगा में डुबकी लगाने से नहीं धुलेंगे पाप’
उन्होंने कहा- वर्तमान राज्य सरकार गंगा में चाहे कितनी भी डुबकी लगा ले। लेकिन उसके पाप नहीं धुल सकते। वन रक्षक परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। इस बात को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार पर जमकर हमला बोला। सरकार को सरकार के मंत्रियों को पेपर लीक करने वाली सरकार बता दिया।
उन्होंने कहा कि मां-बाप बड़े सपनों के साथ अपना पेट काटकर बच्चों को पढ़ाते हैं। उनके बच्चों को सरकारी नौकरी मिल जाए, लेकिन यह सरकार 70 लाख युवाओं को परीक्षा दिलवाती है। एक लाख को नौकरी देने का ढिंढोर पिटती है, लेकिन 69 लाख युवाओं के अरमानों के बारे में कुछ नहीं सोचती।
उन्होंने कहा राजस्थान सरकार युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा और अन्याय कर रही है युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के नाम पर ठगा जा रहा है राजस्थान में प्रमाण प्रमाणित रुप से नकल और पेपर माफिया पैदा हो गया है।
पूनिया ने कहा कि सरकार ने नकल और पेपर माफियाओं को पूरी छूट दे रखी है। नकल और पेपर माफियाओं को सरकार का संरक्षण है। सरकार ने जो कानून बनाया, उसके मुताबिक कार्रवाई नहीं की। बिना सरकार के हाथ के लगातार इस तरह के कांड नहीं होते और पेपर लीक नहीं होते। उन्होंने भाजयुमो से आह्वान किया है कि वे नौजवानों के बीच जाएं और उनकी आवाज बनें।
राजेंद्र राठौड़ ने भी बोला हमला
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी पेपर लीक मामले में सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केवल वन रक्षक भर्ती परीक्षा ही नहीं। बल्कि सरकार के दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक हुए है। नकल करवाई गई है। अब वन रक्षक भर्ती परीक्षा रद्द होना सरकार के मुंह पर तमाचा है और बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ है।
इस सरकार के कार्यकाल में जो भी परीक्षाएं हुई है, वे सभी परीक्षाएं सवालों के घेरे में खड़ी हैं। उन्होंने कहा यह बहुत ही बड़ी है विनम्र ना है कि किसी भी परीक्षा के हुबहू पेपर बाहर आकर मार्केट में बिक रहे हैं। यह काम सरकार की और सरकार के मंत्रियों के संरक्षण के बिना नहीं हो सकता।
हनुमान बेनीवाल ने कसे तंज
पेपर लीक मामले पर आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी सरकार पर निशाने साधे। उन्होंने ट्वीट कर कहा- सरकार को पेपर आउट हो चुके प्रत्येक भर्ती परीक्षा के मामले की जांच CBI से करवाने की जरूरत है। सरकार रीट भर्ती परीक्षा पेपर सहित अन्य भर्तियों में आउट हुए पेपरों के मामले का सीबीआई से अनुसंधान करवाती तो शायद सिस्टम में बैठे लोगो पर शिकंजा कसा जा सकता था। मगर राज्य सरकार ने अपने लोगो को बचाने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं की।
बेनीवाल ने लिखा कि – राजस्थान में 12 नवंबर को आयोजित हुई वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा का द्वितीय पारी में आयोजित हुआ पेपर निरस्त होना गहलोत सरकार की नाकामी का पुन: एक बड़ा उदाहरण है। पेपर आउट होने तथा भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शिता से नहीं करवाने के मामले वर्तमान कांग्रेस सरकार के साथ भाजपा के शासन काल में भी सामने आए थे। RPSC के अध्यक्ष रह चुके एक व्यक्ति को जेल भी जाना पड़ा था और यह सब बातें राजस्थान सरकार की कार्यशैली, सरकार की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता पर बड़ा सवालिया निशान हैं।
उन्होंने लिखा कि – RPSC भी भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है, विगत 15 वर्षों में RPSC के अध्यक्ष रह चुके ज्यादातर लोगों ने भ्रष्ट रूप से न केवल करोड़ों की संपति अर्जित की, बल्कि अपने नजदीकी रिश्तेदारों का कई विभागों में चयन करवाया।
उपेन यादव बोले- पेपर लीक में नंबर वन
राजस्थान बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने वीडियो ट्वीट कर कहा कि पेपरलीक में राजस्थान एक बार फिर नंबर वन बन गया है। जब राजस्थान में गैरजमानती कानून आ चुका है तो पहले पेपरलीक के दोषियों की संपत्ति अभी तक जप्त क्यों नहीं की गई। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई। क्यों पेपरलीक माफियो को बचाया जा रहा है और कब तक युवा पेपर लीक सहन करेगा ?