Rajasthan की Ashok Gehlot सरकार के लिए एक नहीं, बल्कि दो GOOD NEWS

जयपुर : राजस्थान की गहलोत सरकार के लिए दो अच्छी खबरें सामने आई है। दरअसल, पहली अच्छी खबर प्रदेश में निवेश से जुड़ी है जिसमें बताया गया है कि भारतीय और विदेशी कंपनियों से निवेश पाने में राजस्थान और गुजरात देश में टॉप पर रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में इन दोनों राज्यों ने चुंबक की तरह निवेश को आकर्षित किया है। राजस्थान को मिलने वाला नया निवेश 2020-21 के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 535% बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया, जो 2020-21 में 37,000 करोड़ रुपए रहा था। इसी तरह से गुजरात को मिलने वाला नया निवेश सालाना आधार पर 273% बढ़कर 3.98 लाख करोड़ रुपए हो गया जो इससे पिछले साल 1.06 लाख करोड़ था।
₹3.98 लाख करोड़ का निवेश गुजरात को मिला वर्ष 2021-22 में

₹2.37 लाख करोड़ का निवेश राजस्थान ने आकर्षित किया इस दौरान

निवेश पाने वाले टॉप 10 राज्य (बढ़ोतरी लाख-करोड़ रूपए में )

– गुजरात 3.98

– राजस्थान 2.37

– महाराष्ट्र 2.02

– ओडिशा 1.03

– तमिलनाडु 0.84

– तेलंगाना 0.74

– कर्नाटक 0.63

– उत्तर प्रदेश 0.46

– पश्चिम बंगाल 0.46

– छत्तीसगढ़ 0.45 

37,000 करोड़ ₹ परियोजनाओं के क्रियान्वयन में ये आगे

(परियोजनाओं की राशि लाख करोड़ रुपए में)

राज्य परियोजनाएं (राशि)महाराष्ट्र 17.31

उत्तर प्रदेश 9.79

ओडिशा 9.11

गुजरात 8.95

आंध्र प्रदेश 8.73

 

इन क्षेत्रों में आया अधिक निवेश

निवेश पाने में महाराष्ट्र तीसरे, ओडिशा चौथे और तमिलनाडु पांचवें स्थान पर रहा। गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है। वहीं राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क, माइनिंग सहित कई क्षेत्रों में निवेश आया है।

15% घट गया निवेश उत्तर प्रदेश में 2021-22 में वर्ष 2020-21 के मुकाबले 

दूसरी गुड न्यूज़: …इधर, मनरेगा रोजगार में राजस्थान, यूपी-बिहार आगेमनरेगा के तहत काम मांगने वालों की संख्या में 2022-23 की पहली छमाही यानी अप्रेल से सितंबर के बीच 18% की गिरावट आई है। वहीं अक्टूबर में इसके तहत 1.55 लोगों को रोजगार मिला है। हालांकि यह आंकड़ा वर्ष 2020 और वर्ष 2021 के अक्टूबर माह से 20% कम है। मनरेगा के तहत रोजगार देने में राजस्थान, यूपी और बिहार सबसे आगे है। इन राज्यों ने कुल कामगारों को 15-15 करोेड़ घंटे से अधिक रोजगार दिए अप्रेल से सितंबर के बीच।

1.55 करोड़ लोगों को अक्टूबर में मनरेगा के तहत मिला रोजगार, यह वर्ष 2020 और वर्ष 2021 के अक्टूबर के आंकड़े से करीब 20% कम। 07 करोड़ परिवारों को हर साल रोजगार मिला मनरेगा के तहत कोरोना आने के बाद, जो आंकड़ा इससे पहले 5.5 करोड़ था। 15 करोड़ घंटे से अधिक का काम मिला राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में मनरेगा के तहत कुल कामगारों को
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