जयपुर : प्रदेश में लगातार एक महीने से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल जारी है और कांग्रेस में प्रदेश से लेकर केन्द्र तक बनने वाले नए संगठनात्मक ढांचे की कवायद भी बुधवार से ही शुरू हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी फ्लैगशिप योजनाओं की मॉनिटरिंग बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि जनता में कांग्रेस सरकार का संदेश सही बना रहे। कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों का असर गहलोत ब्यूरोक्रेसी और प्रशासनिक मॉनिटरिंग पर नहीं पड़ना देना चाहते हैं। इंदिरा रसोई योजना के बारे में तो गहलोत ने अफसरों और जन प्रतिनिधियों को साफ कहा है कि वे महीने में दो बार इन रसोइयों में स्वयं खाना खाएं, ताकि लोगों के भोजन, पोषण और सेहत से जुड़ी इस योजना की बेहतर मॉनिटरिंग हो सके।
इसके लिए उन्होंने करीब 15 दिन पहले विभिन्न बोर्ड-निगमों के अध्यक्षों-उपाध्यक्षों को जयपुर बुलाकर उन्हें सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का प्रचार करने, भाजपा के आरोपों का जवाब देने और तार्किक बहस को आगे बढ़ाने का संदेश दिया था। अब गहलोत ने दीवाली से ठीक पहले मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के माध्यम से सभी विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और जिला कलक्टरों को फ्लैगशिप योजनाओं की निरंतर मॉनिटरिंग करने और स्वयं मौके पर जाकर उन्हें जांचने को कहा है। कुछ दिनों पहले मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने भी जयपुर में एक स्कूल का खुद निरीक्षण किया था।
ब्यूरोक्रेसी को स्पष्ट संदेश देने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी पत्नी सुनीता गहलोत के साथ जयपुर में इंदिरा रसोई योजना के तहत भोजन किया। उन्होंने समस्त ब्यूरोक्रेसी को अपना संदेश समझा दिया कि वे फ्लैगशिप योजनाओंं के प्रति कैसी गुड गवर्नेन्स चाहते हैं। उन्होंने रसोई में भोजन करने वालों से भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई और माहौल के बारे में भी फीडबैक लिया।
इस अवसर पर उनके साथ रहे विधानसभा के मुख्य उप सचेतक महेन्द्र चौधरी ने भास्कर को बताया कि फ्लैगशिप योजनाएं ही हमारी सरकार की सबसे बड़ी ताकत हैं। इनकी मॉनिटरिंग के लिए सीएम गहलोत ने भी सभी को कहा है। मैंने स्वयं ने भी मेरे क्षेत्र (नावां-कुचामन) में अधिकारियों को चेता दिया है।
100 से अधिक फ्लैगशिप योजनाएं
गहलोत सरकार में राजस्थान में विभिन्न विभागों में 100 से अधिक फ्लैगशिप योजनाएं संचालित हैं। गहलोत अपनी सरकार को अगले वर्ष चुनावों में रीपीट करवाने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। वे कई मौकों पर अपनी फ्लैगशिप योजनाओं को सरकार रीपीट करवाने का मुख्य आधार मानते हैं। ऐसे में ब्यूरोक्रेसी को उन पर फोकस करवाना बहुत जरूरी है।
चिरंजीवी मुफ्त चिकित्सा बीमा योजना
देश के किसी भी राज्य में 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त उपलब्ध करवाने वाली कोई और योजना नहीं है। इस योजना में शामिल लोगों को 10 लाख रुपए तक का इलाज पूर्णत: मुफ्त मिलता है।
इंदिरा रसोई
इस योजना के तहत प्रदेश भर लाखों लोगों को रोजाना मात्र 8 रुपए प्रति प्लेट की दर से भोजन मिलता है, जिसमें दाल, रोटी, चावल और सब्जी शामिल है।
शहरी रोजगार गारंटी योजना
इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित नरेगा की तर्ज अब शहरी क्षेत्रों में भी बेरोजगार मजदूरों को न्यूनतम 100 दिनों के लिए गांरटीड रोजगार मिलेगा। इस योजना का उद्घाटन हाल ही स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था।
वृद्धावस्था पेंशन
इसके तहत 58 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं पात्र हैं। उनकी पेंशन 750 से रुपए प्रतिमाह शुरू होती हैं। 65 वर्ष की उम्र पर यह 1000 रुपए प्रतिमाह मिलती है।
उड़ान योजना
इस योजना के तहत किशोरियों-युवतियों को स्कूल-कॉलेजों में मुफ्त सैनेटरी पैड दिए जाते हैं। इस योजना के तहत हाल ही सरकार को सैनेटरी पैड की खराब गुणवत्ता की शिकायत मिली थी।