झुंझुनूं : भागदौड भरी जिंदगी में लोगों की अपेक्षाए काफी बढ़ गई है, उसको पूरा नहीं कर पाने के कारण लोगों में तनाव बढ़ रहा है, इसके कारण लोग मौत का गले लगा रहे है।झुंझुनूं जिले में 2021 व 2022 में अब तक 363 लोगों ने आत्महत्या की है। पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड देखे तो जिले में आत्महत्या के मामले में काफी सुधार हुआ है। जिले में 2021 में 197 व 2022 में अब तक 166 लोगों आत्महत्या की है।यह आंकड़ा तो वह है तो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है, इसके अलावा संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। क्योंकि कुछ मामलों में परिजनों की ओर से प्रकरण को दबा दिया जाता है, गुपचुप में दाह संस्कार कर दिया जाता है, जिसका रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं होता है। मनोरोग विशेषज्ञ डा. कपूर थालौर का कहना है कि जिंदगी में तनाव बढ़ गया है। लोगों की सहन करने की ताकत कम हो गई है। बदलता परिवेश भी आत्महत्याओं के लिए जिम्मेदार है। खास तौर से बच्चों की हर एक्टिविटिज पर हमें ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को किसी भी प्रकार का दबाब नहीं देना चाहिए।
तनाव, घरेलू झगड़े बन रहे है वजहइनमें कई कारण सामने आए है, तनाव, घरेलू झगड़े सहित अन्य कारण है। इनमें सबसे बड़ा कारण तनाव है। आत्महत्या के लिए लोगों अलग अलग तरीके का इस्तेमाल किए है, इनमें कुछ ऐसे भी जिन्होंने मरने से पहले सुसाइड नोट छोड़े हैं। जिले इन दो सालों में बहुत ऐसे मामले सामने आ चुके है, जिसमें आत्महत्या के कारण सामने आए है, पुलिस इन मामलों की जांच भी कर रही है।
सुसाइड के लिए अपना रहे अलग अलग तरीकेसुसाइड के लिए लोगों ने अलग अलग तरीके का इस्तेमाल किए है,जिसमें जहर खाने, पंखे से लटक कर जान देना, ट्रेन के आगे आना, कुंए में कूदने जैसे तरीके शामिल है। दो साल के आंकड़ों के अनुसार 2021 में 197 और 2022 में 166 मौतें हुई है।