जम्मू-कश्मीर में दूसरे चरण के लिए आज यानी बुधवार को मतदान किया जा रहा है। इसी बीच विदेशों से वरिष्ठ राजनयिकों का एक हाई लेवल डेलिगेशन जम्मू-कश्मीर में चल रहे चुनाव की प्रक्रिया को देखने पहुंचा। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया सहित 16 देशों के राजनयिक जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं, जिसको लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि मुझे यह समझ में नहीं आता, जब वही लोग जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करते हैं, तो भारत सरकार एक बयान जारी करती है कि जम्मू-कश्मीर हमारे आंतरिक मामले में और दूसरों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर आप दखलअंदाजी या उनकी टिप्पणी नहीं चाहते हैं, तो उन्हें यहां क्यों लाया जा रहा है? लोग यहां मतदान नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह भारत सरकार से बहुत खुश हैं। लोग इन सबके बावजूद अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं भारत सरकार के कोशिश बेवजह है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने पिछले 6-7 सालों में लोगों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन भारत सरकार सारा क्रेडिट चाहती है अगर राजनयिकों को यहां लाया जा सकता है, तो विदेशी पत्रकार को यहां आने और चुनाव कवर करने की इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है राजनयिकों को पर्यटक के रूप में यहां लाया जा रहा है। यह अच्छी बात नहीं है।
आपको बता दें कि जिन देशों के राजनयिक प्रक्रिया देखने आए है उनमें अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया और फिलीपींस के दिल्ली स्थित मिशनों के राजनयिक शामिल थे।