कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की हाई कोर्ट ने MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) मामले में याचिका खारिज कर दी है। MUDA मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी। राज्यपाल के इस फैसले को सीएम ने हाई कोर्ट में चुनौती दी और याचिका दायर की। जिसे कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हाई कोर्ट के फैसले पर बीजेपी ने कहा कि सिद्धारमैया के पास इस्तीफा देने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर को मामले में अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना आदेश सुरक्षित रख था। राज्यपाल ने प्रदीप कुमार एस.पी., टी.जे. अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा की याचिकाओं में उल्लिखित कथित अपराधों के लिए 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।
क्या है आरोप ?
आरोप है कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में जमीन आवंटित की गई थी। संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे MUDA द्वारा अधिगृहीत किया गया था। MUDA ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां MUDA ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था।