समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर एनकाउंटर को लेकर यूपी सरकार पर तमाम तरह के सवाल खड़े किए है। अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए आरोप लगाया कि लूट कांड के अन्य आरोपियों के तो पैर में गोली मारी गई, लेकिन आज सुबह जिस मंगेश यादव की पुलिस से मुठभेड़ हुई उसकी जान ले ली गई। अखिलेश ने आरोप लगाया कि ‘जाति’ देखकर जान ली गई है। सपा मुखिया ने अपने लंबे-चौड़े ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा- लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जात’ देखकर जान ली गई।
अखिलेश ने आगे लिखा कि जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए। क्योंकि, ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे। नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। बीजेपी राज अपराधियों का अमृतकाल है। जबतक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है। ये घोर निंदनीय है।