उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एसएसपी ने आदेश जारी किया है कि कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों का नाम लिखा हो। एसएसपी द्वारा आदेश जारी करते ही पुलिस ने हाईवे व नगर में आदेशों का पालन कराना शुरू कर दिया। जिसके बाद यूपी ही नहीं पूरे देश में बहस शुरू हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक्स पर क्या पोस्ट किया ?
दरअसल, मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि श्रावण कांवड़ यात्रा के दौरान समीपवर्ती राज्यों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए भारी संख्या में काँवड़िये हरिद्वार से जल उठाकर मुजफ्फरनगर जनपद से होकर गुजरते हैं। श्रावण के पवित्र माह में कई लोग खासकर कॉवड़िये अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं। पूर्व मे ऐसे दृष्टान्त प्रकाश में आये हैं जहां कांवड़ मार्ग पर हर प्रकार की खाद्य सामग्री बेचने वाले कुछ दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के नाम इस प्रकार से रखे गए जिससे कांवड़ियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होकर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई।
इस प्रकार की पुनरावृत्ति रोकने एवं श्रद्धालुओं की आस्था के दृष्टिगत कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबे एवं खानपान की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वेच्छा से अपने मालिक और काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करे। इस आदेश का आशय किसी प्रकार का धार्मिक विभेद ना होकर सिर्फ मुजफ्फरनगर जनपद से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोप प्रत्यारोप एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को बचाना है। यह व्यवस्था पूर्व में भी प्रचलित रही है।