यूपी के सीतापुर जिले के मछरेहटा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने शुक्रवार की सुबह खुद को सरकारी पिस्टल से गोली मार ली। जिसके बाद सब इंस्पेक्टर को जिला अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया जहां उनकी मृत हो गई। इस बीच अब दारोगा का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एसएचओ पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस पत्र को देखर कुछ लोगों का कहना है कि ये दारोगा का सुसाइड नोट हैं। लेकिन एसपी चक्रेश मिश्र का कहना है कि सुसाइड नोट अब तक किसी को नहीं मिला है। संबधित पत्र दारोगा ने अपने बेटे को व्हाट्सएप किया था। दारोगा के परिवार के साथ पूरा विभाग खड़ा है।
बता दें पत्र में थानाध्यक्ष राज बहादुर पर अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें कई अन्य पुलिसकर्मियों के नाम का भी जिक्र किया गया है। दारोगा ने पत्र में लिखा कि श्रीमान जी आप सभी जनमानस को हम जानकारी देते हैं कि जो भी कर्मी निष्ठा लगन से जितना भी कार्य और ड्यूटी करे, अगर वह अपने अधिकारियों को हर महीने उनको चढ़ावा न करे तो सब बेकार है। ऑफिस और कार्यालय के लोगों को समझना पड़ता है। थाना मछरेहटा के एसएचओ राज बहादुर सिंह जब से आए हैं, तब से सभी कर्मचारी परेशान हैं। यह सभी विवेचनाओं में रुपयों की मांग करते हैं।
दारोगा ने आगे लिखा कि सीडी सामने प्रस्तुत करने पर हस्ताक्षर बनाते हैं, अन्यथा दफ्तर में रखी रहती है। थाने के अबूहादी, रंजीत यादव, शाने आलम, सुनील और अन्य लोग थाने पर मामले से सम्बंधित व्यक्तियों से मामला निस्तारण में रुपये ऐंठ कर थाना इंचार्ज को देते हैं। अभियान के दौरान घर पर सोते बिना अपराध करने व्यक्ति और महिलाओं को अवैध शराब, शस्त्र अधिनियम और एनडीपीएस में बंद करवाते हैं। अगर बंद न करो तो अभद्र टिप्पणी करते हैं। हमारे खिलाफ साजिश करके हमको नौकरी से हटाने की मंशा बनाए हैं।
ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं
दारोगा ने लिखा कि ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं है। जिस ऑफिस में रुपये खर्च न करो, तो कुछ कार्य नहीं होने की विवेचना में बरामदगी और अभियुक्त की गिरफ्तारी में किसी भी अधिकारी ने सहयोग नहीं किया। अकेले ही पता लगाते रहे। मामले में एसपी चक्रेश मिश्र का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।