यूपी के वाराणसी जिले के चितईपुर थाने में बीएचयू कर्मी की रिपोर्ट नहीं लिखने पर देर रात भाजपा नेताओं ने पुलिस के खिलाफ हंगामा करना शुरू कर दिया। लगभग 5 घंटे तक थाना परिसर में पुलिस मुर्दाबाद के नारे गूंजते रहे। यहीं नहीं भाजपा नेताओं ने SO को तत्काल हटाने की मांग तक कर दी।
दरोगा का कॉलर पकड़ा
हंगामे के दौरान कुछ भाजपा पदाधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं लिखने वाले दरोगा का कॉलर पकड़कर घसीटने का भी प्रयास किया और कमरे में घुसकर काफी खरी खोटी सुनाई। जिसके बाद थाने के पुलिसकर्मियों ने भाजपा नेताओं को धक्का देकर बाहर निकाला और धरने पर बैठ गए।
ये है मामला
दरअसल, वाराणसी के करमाजीतपुर निवासी राजेंद्र सिंह पटेल BHU में कर्मचारी है। राजेंद्र सिंह पटेल के मुताबिक, पड़ोस में रहने वाले लोगों ने उनके बेटे के साथ मारपीट की और उनकी पत्नी पर हमला बोला। पड़ोसियों ने घर में घुसकर उत्पात मचाया। लाठी-डंडा और चाकू से किए हमले में घायल उनके घर के विनीत सिंह, अंकित सिंह और कृष्ण सिंह को इलाज कराने की जगह पुलिस थाने ले गई। जहां गुहार लगाने के बावजूद न दवा दिलाई न ही अस्पताल ले जाया गया और 2 घंटे तक चितईपुर थाने पर ही उन्हें बैठाया गया। इसकी वजह से घायल अंकित सिंह चितईपुर थाने पर ही बेहोश होकर गिर गया। पुलिस पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा नहीं लिखा।
फिलहाल इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किर लिया गया है। आरोप है कि एक युवक को छुड़ाने के लिए बीजेपी मंडल अध्यक्ष का फोन आया और उसे छोड़ना पड़ा। इस मामले पर सपा और कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर बीजेपी सरकार को घेरा है।