हमीरपुर में परिवहन निगम के एक वरिष्ठ लिपिक को बर्खास्त किया गया है, जो फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी कर रहा था। यह लिपिक उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ का वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी था। यह कार्रवाई एक स्थानीय निवासी की शिकायत पर की गई है, जिस पर एआरएम को जांच सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट आते ही क्षेत्रीय प्रबंधक ने इसको बर्खास्त कर दिया है।
दरअसल, हमीरपुर मुख्यालय के रहने वाले संजय द्विवेदी ने परिवाहन निगम के वरिष्ठ लिपिक तारिक हुसैन के खिलाफ फर्जी अभिलेखों से नौकरी करने सहित कई अन्य आरोप लगा कर शिकायत की थी। इस पर चार अगस्त 2022 को तत्कालीन एआरएम अकील अहमद ने जांच शुरू की थी,जांच के दौरान लिपिक तारिक अहमद अपना पक्ष रखने और साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके बाद जांच रिपोर्ट आरएम और शासन को भेज दी गई, इसमें बताया गया कि सेवा पुस्तिका के अनुसार तारिक हुसैन की चालक से परिचालक पद पर प्रोन्नति नहीं बल्कि पद परिवर्तन किया गया। इस दौरान जांच में सेवा पुस्तिका में उसके शैक्षिक अभिलेख भी नहीं मिले।
मौजूदा एआरएम आरपी साहू ने बताया कि जांच के आधार पर तारिक हुसैन को बर्खास्त किया गया है। मामले में बर्खास्त लिपिक ने बताया कि उसके खिलाफ साजिश के तहत कार्रवाई की गई है। कार्यालय से शैक्षिक अभिलेख गायब किए गए हैं, वह उच्च न्यायालय की शरण लेगा।